चुनौतियों का सामना करने की शक्ति मिलती है संवाद में
वाटिकन सिटी, सोमवार, 26 मई 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 25 मई को
येरूसालेम के प्रधान मुफ्ती तथा मुस्लिम भाइयों से मुलाकात की। संत पापा ने उन्हें
संदेश देते हुए कहा कि एक यात्री खुद को ग़रीब बनाता है। वह प्रतिज्ञा की आशा लिए लक्ष्य
की ओर यात्रा पर निकल पड़ता है। अब्राहम का जीवन ठीक इसी प्रकार का था। हमारी आध्यात्मिक
सोच भी यही होनी चाहिए कि ईश्वर के रहस्य के सम्मुख हम सब ग़रीब हैं। हमें ईश्वर के बुलावे
पर सदा अपने से बाहर आने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा पृथ्वी पर यात्रा
में हम कभी अकेले नहीं हैं। हमारे साथ अन्य विश्वासी भाई-बहन भी है। इस यात्रा में जब
हम उनसे संवाद तथा आदान-प्रदान करते हैं तब हमें चुनौतियों का सामना करने के लिए शक्ति
मिलती है। संत पापा ने लोगों से आग्रह किया कि वे आपस में एक-दूसरे का सम्मान करें,
एक-दूसरे से प्रेम करें, एक-दूसरे के दुःखों को समझना सीखें तथा हिंसा के लिए कोई भी
ईश्वर का नाम व्यर्थ न ले। हम एक साथ मिलकर न्याय और शांति के लिए कार्य करें।