वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 22 मई 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत मार्था प्रेरितिक
आवास के प्रार्थनालय में संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 22 मई को, पावन ख्रीस्तयाग
अर्पित किया। उन्होंने प्रवचन में ख्रीस्तीयों के स्वास्थ्य पर प्रकाश डाला। संत पापा
ने कहा कि ख्रीस्तीयों का स्वास्थ्य उनके आनन्द से प्रकट होता है। उन्होंने कहा, ″आनन्द
ख्रीस्तीयों की मुहर है यहाँ तक कि दुःख एवं विपत्ति की घड़ी में भी।″ संत पापा ने
प्रवचन में संत योहन द्वारा रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु पुनरूत्थान के
पश्चात् स्वर्ग चढ़ने के पूर्व शिष्यों को कई सलाहें दीं जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से
तीन बिन्दुओं꞉ शांति, प्रेम एवं आनन्द पर जोर दिया हैं। संत पापा ने कहा ख्रीस्तीय
बुलाहट है कि हम ईश्वर के प्रेम में बने रहें। ईश्वर के प्रेम में बने रहने के लिए उनके
प्रेम रूपी ऑक्सीजन को सांस लेना है। हम ईश्वर को किस प्रकार प्रेम कर सकते हैं? उसी
तरह जिस प्रकार येसु ने हमें प्यार किया है क्योंकि वे कहते हैं जिस प्रकार पिता ने मुझे
प्यार किया है वैसे मैंने भी तुम्हें प्यार किया है। येसु का पिता से जो संबंध है वही
संबंध हमारे साथ है अतः उस संबंध को बनाये रखने के लिए उनके प्रेम में बने रहने की आवश्यकता
है। संत पापा ने ईश्वरीय शांति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संसार की शांति से
भिन्न है तथा पिता से आता है। अतः उस शांति को प्राप्त करने के लिए ईश्वर से संयुक्त
रहने की आवश्यकता है। संत पापा ने तीसरी बिन्दु अर्थात् आनन्द पर चिंतन करते हुए कहा
कि यह ख्रीस्तीयों के लिए एक मुहर के समान है। बिना आनन्द के व्यक्ति या तो गैरख्रीस्तीय
है या रोगग्रस्त हो सकता है। दुःख, कठिनाई एवं अत्याचार भी एक ख्रीस्तीय के आनन्द को
कम नहीं कर सकता। संत पापा ने उदाहरण देते हुए कहा कि ख्रीस्तीयों शहीदों के शहादत
पर जाते वक्त ऐसा प्रतीत होता था जैसा कि वे विवाह बंधन में बंधने जा रहे हों। ख्रीस्तीय
आनन्द, शांति एवं प्रेम की रक्षा करता है। इस आनन्द को पवित्र आत्मा हमें प्रदान करते
हैं। संत पापा ने विश्वासियों से आग्रह की कि हम पवित्र आत्मा की कृपा के लिए प्रार्थना
करें। पवित्र जो हमें आनन्द से भर देते हैं, प्रेम करना सिखाते हैं तथा शांति प्रदान
करते हैं।