2014-05-17 16:34:20

येसु के रहस्य में प्रवेश करने का रास्ता


वाटिकन सिटी, शनिवार, 17 मई 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत मार्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में 16 मई को संत पापा फ्राँसिस ने पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए येसु के रहस्य में प्रवेश करने का रास्ता बतलाया।
उन्होंने कहा कि येसु का अध्ययन कर उनका ज्ञान प्राप्त करना मात्र पर्याप्त नहीं है। उनके रहस्य में सही मायने में प्रवेश करने हेतु व्यक्ति को, दिल से प्रार्थना करने, उनके रहस्य को मनाने एवं उनका अनुसरण करने की आवश्यकता है।
संत पापा ने संत योहन रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु कहते हैं ''मार्ग सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।''
उन्होंने कहा कि येसु के बारे अध्ययन करना महत्वपूर्ण है जैसा कि धर्मशिक्षा प्राप्त करना किन्तु यह पर्याप्त नहीं है। आरम्भिक कलीसिया के समान, केवल विचार हमें येसु का ज्ञान प्रदान कर सकता है किन्तु मात्र विचार हमें जीवन प्रदान नहीं कर सकता है। जो इस रास्ते पर आगे बढ़ते हैं वे उलझन में पड़ते हैं। जैसा कि आरम्भिक कलीसिया में लोगों के साथ मतभेद बने रहे क्योंकि वे मानवीय बुद्धि से येसु को समझने का प्रयास करते थे। संत पापा ने प्रभु को सचमुच समझ पाने के लिए तीन दरवाजे बतलाये꞉ येसु से प्रार्थना करना, उन्हें स्वीकार करना एवं उनका अनुसरण करना।
संत पापा ने कहा कि बिना प्रार्थना के येसु का अध्ययन व्यर्थ है। येसु को जानने के लिए उनसे प्रार्थना करने की आवश्यकता है, महान ईशशास्त्री घुटनों पर अध्ययन करते हैं किन्तु प्रार्थना मात्र भी काफी नहीं है उसके साथ-साथ, हमें ख्रीस्त के रहस्य को पावन संस्कारों में आनन्द के साथ स्वीकार करना है क्योंकि उसी से हमें जीवन, शक्ति, भोजन, आराम, मित्र एवं प्रेरिताई प्राप्त होती है।
संत पापा ने कहा कि येसु के जीवन अर्थात उनके कर्म, वचन एवं शिक्षा पर सुसमाचार द्वारा जानकारी हासिल कर उनका अनुसरण करने की आवश्यकता है।
संत पापा ने कहा कि कई लोग येसु का अनुसरण करना नहीं जानते क्योंकि वे सुसमाचार का पाठ कभी नहीं करते हैं अतः, उन्होंने कहा कि, हमें उन तीनों द्वारों से होकर प्रवेश करने की आवश्यकता है।








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