मनीला, शनिवार, 17 मई 2014 (एशियान्यूज़)꞉ ″कला एक बुलाहट है जो मुझे ईश्वर के करीब लाती
है।″ यह बात मनीला के क्वेज़ोन शहर निवासी 30 वर्षीय चित्रकार रैन निकोलास ने कही। उन्होंने
कहा है कि ″जब कभी मैं चित्रकारी करता हूँ मैं अपना धन्यवादी हृदय ईश्वर की ओर उठाता
हूँ।″ मालूम हो कि 500 वर्षों पूर्व सन्यासी फ्रा एंजेलिको भी इसी प्रकार अपने मनोभावों
को व्यक्त किया करते थे। निकोलास ने अपने सारी चित्रकारी क्वेज़ोन शहर के द्क्षिणी-पश्चिमी
ला लोमा में संग्रहालय के रूप में सजाया है तथा कलात्मक चित्रकारी को लोगों को दिखाने
में कभी नहीं शर्माते हैं। चित्रकारी में ‘येसु का विश्वासघात, उन्हें पाये पर कोड़े
लगाया जाना तथा कांटो का मुकुट पहनाया जाना जैसी तस्वीरें हैं। उनका छोटा घर तस्वीरों
की रोजरी माला सी बन गयी है जिसमें हर तस्वीर ख्रीस्त के दुखों के रहस्य को उजागर करती
है। चित्रकारों के संरक्षक सुसमाचार लेखक संत लूकस का अनुसरण करते हुए निकोलास कलात्मक
चित्रकारी को एक बुलाहट मानते हैं जो उन्हें ईश्वर के करीब लाती है। दिलचस्प बात ये
है कि उन्होंने इस चित्रकारी के लिए कोई औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है।