2014-05-10 12:17:03

वाटिकन सिटीः सन्त प्रकरण परिषद की आज्ञप्ति घोषित, सन्त पापा पौल षष्टम की धन्य घोषणा 19 अक्तूबर को


वाटिकन सिटी, 10 मई सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने, शुक्रवार 9 मई को, परमधर्मपीठीय सन्त प्रकरण परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल आन्जेलो आमातो से मुलाकात कर, इस अवसर पर, काथलिक कलीसिया के पाँच प्रभु सेवकों के चमत्कारों एवं वीरोचित गुणों को अनुमोदन प्रदान करते हुए परमधर्मपीठीय परिषद को आज्ञप्तियाँ घोषित किये जाने की अनुमति प्रदान की।
इन प्रभु सेवकों के नाम एवं परिचय इस प्रकार हैः
जोवान्नी बत्तिस्ता मोनतीनी अर्थात् कलीसिया के पूर्व परमाध्यक्ष सन्त पापा पौल षष्टम् की मध्यस्थता से सम्पादित चमत्कार को अनुमोदन दिया गया। इनका जन्म, इटली के कॉनचेसियो में, 26 सितम्बर, सन् 1897 ई. को हुआ था तथा 06 अगस्त, सन् 1978 ई. को, रोम शहर के परिसर स्थित कास्टेल गोन्दोल्फो में, निधन हो गया था।

इनके अतिरिक्त, इटली के काथलिक पुरोहित, प्रभु सेवक लूईजी काबूरलोत्तो की मध्यस्थता से सम्पादित चमत्कार को भी सन्त पापा ने मान्यता प्रदान की। लूईजी काबूरलोत्तो का जन्म, इटली के वेनिस शहर में, 07 जून सन् 1817 ई. को तथा निधन, 09 जुलाई, सन् 1897 ई. को हुआ था।

इनके अतिरिक्त, तीन प्रभु सेवकों के वीरोचित गुणों को मान्यता प्रदान की गई। ये हैं: इटली के पुरोहित प्रभु सेवक ज्याकोमो आबोन्दो, जिनका जन्म, इटली के सालामीनो में, 27 अगस्त सन् 1720 ई. को तथा निधन, इटली के त्रोनसानो में, 09 फरवरी सन् 1788 ई. को हो गया था; फिर, स्पेन के तेर्रास्सा में, 24 दिसम्बर, सन् 1874 ई. को जन्में येसु धर्मसमाजी पुरोहित, प्रभु सेवक आलेग्रे पुहाल्स। 10 दिसम्बर, सन् 1930 ई. को बारसेलोना में आपका निधन हो गया था; अन्त में, फ्राँस की धर्मबहन, प्रभु सेविका, कार्ला कार्रे दे मालबेर्ग। आपका जन्म, फ्राँस के मेट्स में, 08 अप्रैल सन् 1829 ई. को तथा निधन लॉरी-लेस-मेट्स में 28 जनवरी, सन् 1891 ई. को हो गया था।

घोषित आज्ञप्ति के अनुसार शुक्रवार की मुलाकात के दौरान सन्त पापा फ्राँसिस ने परमधर्मपीठीय सन्त प्रकरण परिषद को प्रभु सेवक सन्त पापा पौल षष्टम् की धन्य घोषणा हेतु प्रक्रिया आरम्भ करने की अनुमति भी प्रदान की। आगामी 19 अक्तूबर को वाटिकन में प्रभु सेवक सन्त पापा पौल षष्टम् को धन्य घोषित किया जायेगा।

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