चीन के दक्षिण पूर्वी तट पर बसे वानज़ाउ शहर में सत्तारूढ़ क्म्युनिस्ट सरकार ने सानजियांग
चर्च ने यह कहकर ध्वस्त कर दिया कि चर्च अधिकारियों ने भवननिर्माण नियमों का उल्लंघन
किया है। मार्च में अचानक सरकार ने घोषणा की कि यह चर्च इमारत निर्माण के नियमों का उल्लंघन
करता है कई लोग सकते में आ गये थे। चर्च के नेताओं ने आख़िरी वक़्त में सरकार से
बात करने की कोशिश की, लेकिन साफ़ है कि सरकार ने वानज़ाउ के ईसाइयों को संदेश देने का
मन बना लिया था. पिछले सोमवार को पुलिस ने इस क्षेत्र को घेर लिया और चर्च की इमारत
पर बुलडोज़र चला दिया। रविवार को जब सैकड़ों भक्त प्रार्थना के लिए पहुँचे तो वो सदमे
में थे. जिनमें से दर्जन भर लोग हिरासत में हैं और बाक़ी लोग कुछ बोलने की स्थिति में
नहीं है। एक अवाक बुज़ुर्ग की आँखों से सिर्फ आँसू बह रहे हैं. वे अभी तक कुछ समझ
नहीं पा रहे हैं. उनका कहना है अभी हाल तक ही उनके सरकार से अच्छे रिश्ते रहे हैं. 12
सालों में कभी भी इस पर आपत्ति नहीं जताई। कुछ सरकारी अधिकारियों ने तो धर्म प्रचार
को लेकर यह देखते हुए उत्साह भी बढ़ाया था कि वानज़ाउ के ईसाई अच्छे नागरिक है क्योंकि
वे क़ानून का पालन करते हैं और समय पर टैक्स देते हैं। यहाँ के लोग मानते हैं कि इस
घटना के लिए मुख्य जिम्मेदार स्थानीय सरकार और प्रांतीय सरकार के बीच संपर्क की कमी है। उनका
कहना है कि हाल ही में प्रांतीय सरकार के अधिकारी क्षेत्र के दौरे पर आए थे। उन्हें यहाँ
ईसाई क्रॉस प्रमुखता से देखने को मिला। मालूम हो कम्युनिस्ट पार्टी का धर्मिक आस्था
के साथ लंबा टकराव रहा है। जबकि संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, पार्टी
ईसाइयत को पश्चिमी सम्राज्यवाद के औज़ार के रूप में देखती रही है।