वाटिकन सिटी, शनिवार 3 मई 2014 (सेदोक)꞉ परमधर्मपीठ ने संयुक्त राष्ट्रसंघ से कहा है
कि "शांति के लिए मानव जाति की कराह के विपरीत "वैश्विक स्तर पर आपसी सुरक्षा हेतु ‘परमाणु
हथियार’ का विश्व समुदाय में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।″ न्यूयॉक में संयुक्त राष्ट्रसंघ
के स्थायी प्रेक्षक, परमधर्मपीठ के राजदूत महाधर्माध्यक्ष फ्राँसिस चुल्लिकट ने ‘अप्रसार
संधि चक्र सूचि 2015 ‘(एन पी टी) की समीक्षा के पूर्व अपना व्यक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने
समिति को स्मरण दिलाया कि एन पी टी संधि बिना परमाणु हथियार विश्व के लिए कार्य करने
हेतु आह्वान करती है। यदि संधि के केंद्रीय दायित्वों में परमाणु हथियार उन्मूलन वार्ता
के भीरूतापूर्वक कायान्वयन और उसके अस्वीकार्य रूप से धीमी चाल और अप्रसार व्यवस्था की
क्षमता में भरोसा, भविष्य में समस्या बढ़ सकती है। मूल परमाणु हथियार संधि के एक असंतुलित
दृष्टिकोण को अपनाती है जबकि संक्षिप्त प्रसार पर उसकी अत्यधिक रुचि दिखाई पड़ती है।
उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार का प्रयोग अपनी सुरक्षा के लिए होना चाहिए। महाधर्माध्यक्ष
ने मध्य पूर्वी क्षेत्र को परमाणु हथियार से मुक्त होने तथा अन्य हथियारों को भी नष्ट
करने का आग्रह किया।