2014-05-03 16:43:25

प्रेरिताई के लिए एक नयी मानसिकता को विकसित करने की आवश्यकता


वाटिकन सिटी, शनिवार, 3 मई 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 2 मई को, परमधर्मपीठ की आर्थिक व्यवस्था के लिए नव गठित समिति से मुलाकात की तथा उनसे कहा कि उनकी प्रेरिताई महत्वपूर्ण है किन्तु सहज नहीं, जिसके कारण उन्हें साहस एवं दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है।
विदित हो कि संत पापा फ्राँसिस ने फरवरी माह में "फिदेलीस डिसपेन्सातोर एत प्रूदेन्स" शीर्षक से "मोतू प्रोप्रियो" अर्थात् स्वप्रेरणा से लिखित प्रेरितिक पत्र जारी कर, वाटिकन तथा परमधर्मपीठ के आर्थिक एवं प्रशासनिक मामलों के लिये एक नये सचिवालय की स्थापना की थी पत्र में उन्होंने कहा था कि पारदर्शिता के साथ एवं सुसमाचार के आलोक में तथा जरूरतमंदों का विशेष ख्याल रखते हुए कलीसिया की सम्पति की रेखरेख एवं प्रबंध किया जाए।

संत पापा ने समिति के सदस्यों से कहा, ″परमधर्मपीठ चाहती है कि वे मोतू प्रोप्रियो में परिभाषित मिशन विशेषकर, विश्वव्यापी कलीसिया के प्रति अपनी जिम्मेदारी को व्यवहारिक रूप दें। ये परिवर्तन कलीसिया में उत्तम सेवा हेतु परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय में आवश्यक सुधार की इच्छा को दर्शाता है। इस परिवर्तन को एक महत्वपूर्ण परिवर्तन बतलाते हुए संत पापा ने सदस्यों को सचेत किया कि उनकी प्रेरिताई उनसे साहस एवं दृढ़-संकल्प की मांग करती है।
उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठ के विभिन्न प्रशासनिक विभागों में प्रेरिताई के लिए एक नयी मानसिकता को विकसित करने की आवश्यकता है।








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