श्रीलंका के धर्माध्यक्षों ने ‘अदलिमिना विजिट’ किया
वाटिकन सिटी, शुक्रवार 2 मई, 2014 (सेदोक, वीआर) श्रीलंका के धर्माध्यक्षों ने परंपरागत
पँचवर्षीय ‘अदलिमिना विजिट’ के तहत संत पापा फ्राँसिस से मुलाक़ात की और श्रीलंका में
काथलिक कलीसिया की स्थिति के बारे में संत पापा को जानकारी दी। अपनी रिपोर्ट में संत
पापा श्रीलंका के धर्माध्यक्षों ने इस बात पर बल दिया कि श्रीलंका के लोग राजनीतिक नेता
और अलगाववादी तमिल नेताओं पर दबाव डालें ताकि वहाँ हो रहे सशस्र संघर्ष का राजनीतिक समाधान
निकाला जा सके। उन्होंने बतलाया कि एक ओर देश में विकास के कुछ सकारात्मक चिह्न दिखाई
पड़ते हैं फिर भी देश में एकता और मेलमिलाप के प्रयास जारी रखने की सख़्त ज़रूरत है।
यह तब ही संभव हो सकता है जब प्रत्येक व्यक्ति की मर्यादा का सम्मान किया जाये। उनका
मानना है कि यह तब ही संभव है जब लोगों को समानता और न्याय प्राप्त होगा। धर्माध्यक्षों
ने कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि देशवासी शांति के वरदान प्राप्त करें और अपना जीवन
यापन करें । उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों ने तीन दशकों तक गृहयुद्ध की मार झेली
है और ऐसे समय में काथलिक कलीसिया सदा ही एक सेतू का कार्य करती रही है। कलीसिया
का प्रयास रहा है कि वह सिंहली और तमिल समुदायों के नेताओं के साथ वार्ता जारी रखे और
दोनों समुदायों के बीच सद्भावना और मेलमिलाप को बढ़ाने का प्रयास जारी रखे। विदित
हो कि श्रीलंका की कुल आबादी की 7 प्रतिशत जनता काथलिक है।