मनीला, बृहस्पतिवार, 1 मई 2014 (एशियान्यूज़)꞉ फिलिपीनी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन
ने काथलिकों से आग्रह किया है कि शारीरिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए वे आधुनिक खान-पान
में संयम बरतें। धर्माध्यक्षों ने आधुनिक खान-पान एवं मादक पदार्थों के सेवन में
संयम बरतते हुए शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने की सलाह दी। पास्का पर्व
के अवसर पर जारी अपने संदेस में धर्माध्यक्षों ने विश्वासियों को चेतावनी दी कि पेटूपन
पाप है जिसके कारण शरीर में असाध्य हानि पहुँचती है जबकि दूसरी ओर उन्होंने कहा कि संयमित
खान-पान एवं नियमित व्यायाम से शरीर तनदुरुस्त बनता है। फिलीपीनी काथलिक धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के अध्यक्ष एवं लिंगायेन डागूपान के महाधर्माध्यक्ष सोक्रेटस विल्लेगास ने कहा,
″फिलीपिन्स वासी असंयमित खान-पान एवं नशबाजी के कारण कई गंभीर बीमारियों के शिकार बनते
हैं जैसे, हृदय की बीमारी, मधुमेह तथा कैंसर अतः अपने खान-पान में संयम रखते हुए अपने
स्वास्थ्य के अच्छे मालिक बनें।″ उन्होंने कहा कि सिर्फ खान पान में संयम बरतना ही
पर्याप्त नहीं है किन्तु उसके साथ आवश्यक विश्राम की भी आवश्यकता है जिससे कि शरीर पुनः
ऊर्जा प्राप्त कर सके। उन्होंने कलीसिया की धर्मशिक्षा को याद करते हुए कहा कि काथलिक
सामाजिक धर्मशिक्षा हमें याद दिलाती है कि कार्यों से अवकाश हमारा अधिकार है। मानव जीवन
के लिए कार्य एवं विश्राम के बीच ताल-मेल होना आवश्यक है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को अपने
अवकाश का भी ख्याल रखना चाहिए। धर्माध्यक्ष ने कहा कि शरीर की देखभाल करना व्यर्थ
नहीं है किन्तु आध्यात्मिक स्वस्थ्य के लिए आवश्यक है क्योंकि शारीर न केवल हमारी आत्मा
के रख-रखाव का भौतिक साधन है किन्तु ईश्वर के प्रतिरूप में सृष्ट मानव के अभिन्न और
आवश्यक पहलुओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भोजन, मादक पदार्थ एवं दवाओं के
अनुचित प्रयोग से कई दुखद दुर्घटनाएं घटती हैं।