2014-04-27 12:05:15

वाटिकन सिटीः सन्त पापा जॉन 23 वें एवं सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय की सन्त घोषणा के लिये पहुँचे लाखों तीर्थयात्री


वाटिकन सिटी, 27 अप्रैल सन् 2014 (सेदोक): सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु, सन्त पापा फ्राँसिस ने सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के साथ, रविवार, 27 अप्रैल को, वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में लगभग 150 कार्डिनलों, 700 धर्माध्यक्षों एवं लगभग 1000 पुरोहितों के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित कर विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष रहे धन्य सन्त पापा जॉन 23 वें तथा धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय को सन्त घोषित कर वेदी का सम्मान प्रदान किया।


विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के गढ़ रोम में सम्पन्न रविवार 27 अप्रैल का सन्त घोषणा समारोह, वास्तव में, एक अभूतपूर्व घटना सिद्ध हुई जो कई युगों तक इतिहास के पन्नों पर छाई रहेगी। यह इसलिये कि इस समारोह में, 2000 साल प्राचीन काथलिक कलीसिया के इतिहास में नये अध्याय जोड़ने वाले, 20 वीं शताब्दी को दो महापुरुष, धन्य सन्त पापा जॉन 23 वें एवं धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय को वर्तमान सन्त पापा फ्राँसिस ने, सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की उपस्थिति में, सन्त घोषित किया। इसके अतिरिक्त, कलीसिया इतिहास में पहली बार दो नये सन्तों के अवशेषों को विश्व्यापी स्तर पर भक्ति के लिये प्रस्तावित किया गया।


इस ऐतिहासिक घटना के लिये विगत कुछ दिनों से ही रोम शहर की सड़कों पर तथा वाटिकन के इर्द-गिर्द लाखों की तादाद में तीर्थयात्रियों का आवागमन जारी रहा। रोम के नागर सुरक्षा अधिकारियों ने सड़कों के ओर-छोर फीते लगाकर मोटर गाड़ियों की पार्किंग रोक रखी थी ताकि तीर्थयात्रियों को पैदल चलने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इसके अतिरिक्त, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिये वाटिकन से पाँच किलो मीटर के अहाते में कई अस्थायी चिकित्सा केन्द्रों एवं एमबुलेन्सों तथा 1000 रासायनिक शौचालयों का इन्तज़ाम किया गया था। लगभग 40 लाख पानी की बोतलें भी तीर्थयात्रियों में वितरित की गईं। रोम की टाईबर नदी से सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण तक पहुँचनेवाले मार्गों पर समारोह से 12 घण्टों पूर्व ही हज़ारों लोगों ने डेरा डाल लिया था। वाटिकन तथा आस पास के क्षेत्रों में जनसमुदाय इतना सघन था कि रास्ते के एक छोर से दूसरी छोर तक जाना असम्भव था। इसके बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। वे अपने अपने देशों के ध्वजों को फहराते, भक्ति गीत गाते तथा प्रार्थनाओं में हिस्सा लेते अपनी अपनी जगह बने रहे।

इटली, यूरोप, अमरीका तथा विश्व के अन्य क्षेत्रों से भी राष्ट्राध्यक्षों एवं सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के सन्त घोषणा समारोह में शामिल होने की वजह से सुरक्षा व्यवस्था भी अत्यधिक कड़ी कर दी गई थी। रोम शहर तथा विशेष रूप से वाटिकन के इर्द-गिर्द 10,000 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को लगाया गया था तथा पुलिस के कई हेलीकॉप्टर ऊपर आकाश से निगरानी कर रहे थे। स्पेन, बैलजियमआन्डोरा, ब्रिटेन तथा लक्समबुर्ग के शाही परिवारों, प्रधान मंत्रियों, राजदूतों एवं राजनयिकों सहित विश्व के 93 देशों के शिष्ठमण्डलों तथा कम से कम 24 राष्ट्रध्यक्षों ने सन्त घोषणा समारोह में भाग लिया।








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