हज़ारों पत्रों के साथ फ्लोरिबेथ मोरा संत घोषणा समारोह के लिये रोम रवाना
सान होसे कोस्तारिका, बृहस्पतिवार 24 अप्रैल, 2014 (सीएनए) धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय
के 27 अप्रैल रविवार को एक भव्य समारोह में संत बनाये जाने की घोषणा समारोह के लिये 50
वर्षीय कोस्टारिकन महिला फ्लोरिबेथ मोरा संत पापा फ्राँसिस के लिये लिखे हज़ारों पत्रों
के साथ रोम के लिये प्रस्थान कर चुकीं हैं। मालूम हो कि सन् 2011 में धन्य संत पापा
जोन पौल द्वितीय की मध्यस्थता से कोस्टारिकन महिला फ्लोरिबेथ मोरा को मस्तिष्क धमनीविस्फार
की बीमारी से चंगाई प्राप्त हुई थी। वाटिकन द्वारा जाँच पड़ताल के पश्चात् इस चमत्कार
को अनुमोदित कर दिया गया और इससे संत बनाये जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। कोस्तारिका
के स्थानीय समाचारपत्र ‘ला रोज़ोन’ को दिये एक साक्षात्कार के अनुसार वह धन्य घोषणा समारोह
में हिस्सा लेने के लिये रोम आ रही हैं और उन तमाम पत्रों को संत पापा फ्राँसिस के सुपूर्द
करेंगीं जिन्हें कोस्तारिकावासियों लिखा है। पचास वर्षीय मोरा ने कहा कि वह संत पापा
फ्राँसिस मिलने के लिये उत्साहित है और निश्चय ही उनसे मिलकर वह अपने आँसूओं को नहीं
रोक पायेंगी। संत पापा फ्राँसिस बहुत ही विनम्र हैं। उन्होंने कहा कि वे संत पापा फ्राँसिस
से सविनय आग्रह करेंगीं कि वे कोस्तारिका आयें। फ्लोरिबेथ मोरा ने बतलाया कि वे अपनी
रोम यात्रा में चार अन्य निवेदनों को साथ में ला रहीं हैं जिसमें ह्रदयाघात से पीड़ित
महिला की चंगाई, का मस्तिष्क ज्वार से पीड़ित पाँच वर्षीय बालक, ट्यूबों के सहारे जीवित
एक नन्ही बालिका और महिला के गर्भ में आजन्मे शिशु की बीमारी की चंगाई शामिल हैं। 27
अप्रैल रविवार को होने वाली संत घोषणा समारोह में मोरा को धन्य जोन पौल द्वितीय के रक्त
को वेदी तक पहुँचाने का दायित्व सौंपा गया है। समाचारपत्र के अनुसार मोरा प्रार्थनाओं
और निवेदनों के साथ पुरोहितों द्वारा लिखी गयी किताबें और वेनेजुएला के उस काथलिक परिवार
का पत्र भी शामिल है जो वेनेजुएला की शांति के लिये अनवरत प्रार्थना करता है। मालूम
हो कि 27 अप्रैल रविवार धन्य जोन पौल द्वितीय के साथ धन्य जोन तेईसवें रोम में आयोजित
एक समारोह में संत घोषित किये जायेंगे।