वाराणसी: आप करेगी वाराणसी के लिये वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी के दर्ज़े की मांग
वाराणसी, 23 अप्रैल सन् 2014 (ऊका समाचार): आम आदमी पार्टी के एक नेता ने कहा है कि उनकी
पार्टी उत्तर प्रदेश के पवित्र नगर वाराणसी को वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी का दर्ज़ा
प्रदान करने की मांग करेगी।
मंगलवार को वाराणसी में "आप" के एक वरिष्ठ नेता
ने आईएएनएस को बताया, "वाराणसी का सम्बन्ध केवल हिन्दू धर्म से ही नहीं है बल्कि यह शहर
सब धर्मों का आलिंगन करता है इसलिये हम वाराणसी के लिये एक विशेष पैकेज की मांग करेंगे
ताकि यह शहर विश्व की आध्यात्मिक राजधानी कहला सके।"
अपनी पहचान को गुप्त रखते
हुए "आप" के नेता ने कहा कि वाराणसी को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाना पार्टी के
घोषणा पत्र में शामिल है जो दो दिनों में घोषित किया जायेगा। इसमें वाराणसी शहर के कमज़ोर
बुनियादी ढांचे तथा पवित्र गंगा के प्रदूषण के प्रश्नों पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा।
वाराणसी संसदीय क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भारतीय जनता
पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
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Delhi: Dalit, minority kids pushed out of schools: Human rights Watch
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नई दिल्लीः दलित, अल्पसंख्यक बच्चों को स्कूल से बाहर धकेलने का ह्यूमन राइट्स
वॉच ने लगाया आरोप
नई दिल्ली, 23 अप्रैल सन् 2014 (ऊका समाचार): ह्यूमन राइट्स
वॉच की एक रिपोर्ट ने मंगलवार को कहा कि भारत में स्कूल के अधिकारियों ने लगातार दलित
एवं अल्पसंख्यक बच्चों के साथ भेदभाव किया है तथा उन्हें शिक्षा से वंचित रखा है।
आएएनएस समाचार एजेन्सी के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया, "भारत में हाशिये पर
जीवन यापन करनेवाले निर्धन दलित एवं अल्पसंख्यक बच्चों के विरुद्ध भोजन परोसने से लेकर
शौचालयों के उपयोग तक भेदभाव किया जाता है। उन्हें मैले कहकर शौचालयों में प्रवेश नहीं
करने दिया जाता तथा प्रायः उनसे शौचालय एवं कक्षाओं को साफ कराया जाता है।"
77
पृष्ठ वाली रिपोर्ट में कहा गया, "शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत, राज्य सरकार और प्रासंगिक
स्थानीय अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे यह सुनिश्चित्त करें कि कक्षा में, दोपहर
के भोजन के दौरान, खेल के मैदान में, पीने के पानी एवं शौचालय के उपयोग में तथा शौचालयों
एवं कक्षाओं की साफ सफाई में स्कूल के किसी भी बच्चे को अलग या बहिष्कृत न किया जाये।"
आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और
स्थानीय अधिकारियों सहित 160 से अधिक बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों, शिक्षा विदों तथा
स्कूली अधिकारियों के साथ बातचीत कर अनुसंधान किया गया था तथा रिपोर्ट तैयार की गई थी।