2014-04-23 20:16:04

येसु ख्रीस्त का पुनरुत्थान


वाटिकन सिटी, बुधवार 23 अप्रैल, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, येसु ख्रीस्त का पुनरुत्थान तथा कलीसिया और दुनिया में उनकी उपस्थिति पर विश्वास के कारण ही पास्का पर्व का आनन्द महान है।

पुनरुत्थान के साथ ही दुनिया की सब चीज़ें नयी हो गयीं हैं और दुनिया को एक नयी आशा मिल गयी है।

पुनरुत्थान के दिन स्वर्गदूत ने मरिया मग्दालेना को जो प्रश्न किया था वह सवाल आज हमसे किया जा रहा है। मृतकों के बीच जीवित को क्यों खोज रही हो ? (संत लूकस 24,5)

सुसमचार हमें तीन ऐसे उदाहरण पेश करती है जिसमें जीवित येसु से मिलने के बाद व्यक्ति का जीवन बदल गया। ये घटनायें हमें आमंत्रित करती है कि हम भी अपने जीवन में जीवित येसु को पहचानें।

प्रेरित थोमस के समान हम जीवित येसु को पहचानें और नवजीवन प्राप्त करें।

मरिया मग्दालेना के समान हमें चाहिये कि हम येसु की आवाज़ सुनें जो हमारा नाम लेकर बुलाते है। और एम्माउस की राह में चलने वाले चेलों की तरह हम येसु को पहचानें, जो हमारे साथ चलते है ताकि हम आनन्द और उत्साह जायें।

चेलों ने अपने मार्ग में जीवित येसु को में मृतकों के बीच खोजा था पर जीवित येसु ने उन्हें विश्वास और पुनरुत्थान की शक्ति से भर दिया।

येसु का पुनरुत्थान आज हमें चुनौती देते हुए आमंत्रित कर रहा है कि हम उन्हें जीवित येसु को खोजना जारी रखें, और उन सब चीज़ों को पीछे छोड़ दें जो उनसे मिलने वाले, नया जीवन, स्वतंत्रता तथा आशा प्राप्त करने से रोकता है।

इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की। उन्होंने लोगों पर पवित्र आत्मा के वरदान उतरने के लिये प्रार्थना की तथा सबों को पुण्य सप्ताह की शुभकामनायें दी।

उन्होंने भारत इंगलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, फिनलैंड, स्कॉटलैंड. जापान, मॉल्टा, डेनमार्क कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।








All the contents on this site are copyrighted ©.