काठमाण्डू, 21 अप्रैल सन् 2014 (एशियान्यूज़): हिमालयी राष्ट्र नेपाल में ईसाइयों ने
ही नहीं बल्कि कई हिंदुओं और बौद्धों ने भी पास्का महापर्व के उपलक्ष्य में आयोजित गतिविधियों
में भाग लेकर ईस्टर महोत्सव मनाया। नेपाली टेलीकॉम के एक निदेशक विष्णु कासाजू ने
एशियान्यूज़ से कहाः "धर्म का भेदभाव किये बिना सभी नेपाली भले ही किसी भी आस्था के क्यों
न हों ईस्टर की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं। वर्ष के इस समय हमारे केन्द्रों
ने उच्च् यातायात दर्ज़ किया है तथा कई बार सन्देश भेजने के लिये थोड़ी देर रुकना पड़ता
है।" काठमांडू के एक ख्रीस्तीय जीवन कार्की ने कहा, " हमारे देश को ख्रीस्तीय आशा
के सन्देश की नितान्त आवश्यकता है। पास्का सन्देश, ख्रीस्तीयों के बीच ही नहीं अपितु
ग़ैरख्रीस्तीयों के बीच भी येसु की उपस्थिति का अर्थ साझा करने में हमारी मदद करता है।"
युवा काथलिक किशोर श्रेथा ने कहा, " पवित्र ख्रीस्तयाग येसु मसीह के जी उठने की याद
दिलाता है। यह येसु के सुसमाचार के प्रसार में हमारी मदद कर सकता है। इस कारण , मैंने
अपने परिवार और दोस्तों के लिए कई संदेश और ग्रीटिंग कार्ड्स भेजे हैं।"
प्रोटेस्टेंट
पादरी , "यीशु कार्की ने विस्मय व्यक्त किया कि इतने कम समय तथा इतनी तीव्र गति से
विश्वास का साक्ष्य देनेवालों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने आशा व्यक्त की पास्का
सन्देश समस्याओं एवं पीड़ाओं को पार करने हेतु लोगों में आशा का संचार कर सकेगा।"
काठमाण्डू
काथलिक महागिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर रिचर्ड राय ने आशा व्यक्त की कि नेपाल के सभी
नागरिक पास्का के आनन्द का अनुभव कर सकेंगे तथा पास्का सभी धर्मों के लोगों का महोत्सव
बन सकेगा।