2014-04-17 08:54:02

गुजरातः ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा पर मोदी के अज्ञान का ख्रीस्तीय नेताओं ने किया खण्डन


गुजरात, 17 अप्रैल सन् 2014 (ऊका समाचार): भारत के ख्रीस्तीय नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के उस वकतव्य की कड़ी निन्दा की है जिसमें मोदी ने ख्रीस्तीयों के विरुद्ध ढाई गई हिंसा से इनकार किया है।


विगत सप्ताह टेलेविज़न पर दी एक भेंटवार्ता में मोदी ने कहा था कि उन्हें ख्रीस्तीयों एवं उनके आराधना स्थलों के विरुद्ध हुए हमलों का कोई ज्ञान नहीं था।


टेलेग्राफ इन्डिया के हवाले से, ऊका समाचार ने प्रकाशित किया कि भारत में 45 ख्रीस्तीय सम्प्रदायों का प्रतिनिधित्व करनेवाले ख्रीस्तीय संगठन "एवेन्जेलिकल फैलोशिप ऑफ इन्डिया" के महासचिव रिचर्ड होवेल ने कहा, "जो कुछ उन्होंने कहा वह सरासर झूठ था। ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के विरुद्ध दक्षिण पंथी हिन्दु दलों के अत्याचार हमेशा से चिन्ता का कारण रहे हैं। बजरंग दल तथा विश्व हिन्दू परिषद की युवा शाखा जैसे समूह सम्पूर्ण भारत में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों एवं उनके आराधना स्थलों को निशाना बनाते रहे हैं।"


मोदी के वकतव्य पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए ख्रीस्तीय नेताओं ने कहा कि यदि मोदी ख्रीस्तीयों की पीड़ा से वाकिफ़ नहीं हैं तो वे उनका विश्वास भी जीत नहीं सकते।

उन्होंने प्रश्न किया, "सन् 1998 में, भाजपा के शासन काल में, डांग ज़िले के ख्रीस्तीय समुदाय पर हुए बर्बर हमलों को वे कैसे भुला सकते हैं जब हिन्दू चरमपंथियों ने गिरजाघरों को आग के हवाले कर दिया गया था? तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वयं हमलों का जायज़ा लेने के लिये डांग ज़िले का दौरा किया था।"


रिचर्ड होवेल ने बताया कि सन् 2002 में भी गुजरात में 22 गिरजाघर जला दिये गये थे तथा विश्व हिन्दू परिषद एवं संघ परिवार के सदस्यों द्वारा ख्रीस्तीयों पर हमले किये गये थे।


टेलेविज़न को दी भेंटवार्ता में यह प्रश्न पूछे जाने पर कि यदि वे प्रधान मंत्री बनते हैं तो गिरजाघरों पर हमलों को रोकने के लिये वे क्या कदम उठायेंगे तो मोदी का उत्तर थाः "मैंने इस प्रकार की किसी घटना का समाचार नहीं सुना है।"


प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय नेता विजयेश लाल ने कहा कि हाल के वर्षों में भी मध्यप्रदेश, कर्नाटक एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ख्रीस्तीयों पर हमले जारी रहे हैं।


उन्होंने कहा, "हैरानी की बात है कि मोदी ईसाइयों पर हुए हमलों के प्रति अज्ञानी और अनजान होने का दिखावा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "यदि मामला यह है तो फिर हम क्यों भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में उल्लिखित एक "धर्मनिरपेक्ष भारत" के वादे पर भरोसा करें?










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