कोलोम्बोः श्री लंका के धर्माध्यक्षों ने पास्का पर पुनर्मिलन का किया आह्वान
कोलोम्बो, 16 अप्रैल सन् 2014 (एशियान्यूज़): श्री लंका के काथलिक धर्माध्यक्षों ने,
सिंघला, तमिल एवं अँग्रेज़ी भाषाओं में, ईस्टर महापर्व के उपलक्ष्य में जारी एक सन्देश
में कहा है कि यह महापर्व यथार्थ शान्ति की खोज एवं पुनर्मिलन का सुअवसर है।
धर्माध्यक्षों
ने सन्देश में लिखाः "दशकों के गृहयुद्ध के बाद अभी भी युद्धोपरान्त कठिनाइयों से जूझ
रहे श्री लंका में विकास के कुछ संकेत दिखाई दिये हैं तथापि, अपनी मातृभूमि में लोगों
के बीच एकता एवं पुनर्मिलन की स्थापना को प्रोत्साहन देना अनिवार्य है।" अपने पास्का
सन्देश में धर्माध्यक्षों ने लिखाः "पुनर्मिलन एवं एकता तब ही सम्भव हो सकेंगे जब हम
एक दूसरे का सम्मान करेंगे तथा एक दूसरे की प्रतिष्ठा को बरकरार रखने के प्रति समर्पित
रहेंगे।"
कोलाम्बो के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष एवं सचिव महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल मैलकम रणजीत तथा चिलाव के धर्माध्यक्ष वालेन्स मेनडिस द्वारा हस्ताक्षरित सन्देश
की प्रकाशना मंगलवार, 15 अप्रैल को की गई थी।
धर्माध्यक्षों ने लिखाः "पुनर्जीवित
प्रभु अपने शिष्यों को दिखाई दिये तथा उन्होंने उन्हें शान्ति का वरदान दिया। यथार्थ
शान्ति सचमुच में एक वरदान है जिसका अनुभव ईश्वर के संग रहकर ही किया जा सकता है। युद्ध
से तहस-नहस देश में हम प्रभु के शान्ति वरदान को अन्यों में बाँटें।"
उन्होंने
कहा कि ऐसा तब ही सम्भव है जब देश के सभी नागरिकों को समानता एवं न्याय मिले। सभी देशवासी
शान्ति का अनुभव कर सकें इस मंगलयाचना के साथ श्री लंका के धर्माध्यक्षों ने अपना पास्का
सन्देश समाप्त किया।