लाहौर: इस्लामी चरमपंथियों की धमकियों के बाद एशिया बीबी की अपील फिर स्थगित
लाहौर, 15 अप्रैल सन् 2014 (एशियान्यूज़): पाकिस्तान में ईश निन्दा के आरोप में प्राणदण्ड
की सज़ा काट रही पाँच बच्चों की माँ, ख्रीस्तीय धर्मानुयायी, आसिया बीबी की सुनवाई 14
अप्रैल को, एक बार फिर, मुल्तवी कर दी गई।
लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
सरदार तारिक मसूद और अब्दुल सामी खान ने सुनवाई शुरू होने तथा दलील प्रस्तुत करने के
कुछ देर बाद ही मामले को स्थगित कर दिया।
विगत कई माहों से इस्लामी चरमपंथी निचली
अदालत द्वारा आदेशित प्राण दण्ड को बरकरार रखने के लिये न्यायाधीशों पर दबाव डालने के
लिये उन्हें धमकियाँ देते रहे हैं।
हालांकि, महिला के वकीलों ने कहा है कि
उन्हें पूरा भरोसा है कि उच्च न्यायालय जल्द ही प्राणदण्ड की सज़ा को उलट कर आसिया बीबी
को रिहा कर देगा।
हाल के दिनों में पाकिस्तान के ख्रीस्तीयों ने आसिया बीबी
एवं सावन मसीह की रिहाई के लिये प्रार्थना एवं उपवास दिवसों को प्रोत्साहन दिया है। इन
दोनों को पाकिस्तान के कुख्यात ईश निन्दा कानून के तहत प्राण दण्ड की सज़ा सुनाई गई है।
नवम्बर 2010 से मौत की सज़ा पानेवाली तथा सुरक्षा की वजह से एकान्त कारावास सह
रही आसिया बीबी पाकिस्तान के कुख्यात ईश निन्दा कानून के खिलाफ़ लड़ाई का प्रतीक बन
गई है।
आसिया बीबी के पक्ष में आवाज़ उठाने के लिये, कट्टरपंथियों ने, पंजाब
के राज्यपाल सलमान तासीर तथा केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री काथलिक धर्मानुयायी
शाहबाज भट्टी की 2011 में हत्या कर दी थी।
कुछ समय पूर्व लाहौर के 26 वर्षीय
ईसाई सावन मसीह पर एक व्यक्ति द्वारा झूठा आरोप लगाये जाने के बाद निचली अदालत ने दोषी
करार दिया था।
लाहौर महाधर्मप्रान्त के फादर जेम्स चांद ने एशियान्यूज़ से
कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति नित्य बिगड़ती जा रही है। उन्होंने बुधवार
को आसिया बीबी एवं सावन मसीह के लिये प्रार्थना दिवस की भी घोषणा की।