2014-04-11 15:07:05

वार्ता ही रास्ता


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 11 अप्रैल, 2014 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने वेनेजुवेला के विदेश मंत्री के आमंत्रण पर एक पत्र भेजकर प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे समस्या के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये वार्ता का रास्ता अपनायेँ।
10 अप्रैल बृहस्पतिवार को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि वे इस बात को पूरी दृढ़ता से मानते हैं हिंसा, देश में न तो शांति ला सकती है न ही देश की प्रगति में सहायक है क्योंकि हिंसा, हिंसा को जन्म देती है।

उन्होंने लिखा कि वार्ता के द्वारा हमें उन उपायों का पता चलता है जो समस्या के समाधान में मददगार सिद्ध होते हैं।

वेनेजुवेला के लिये दिये संदेश को काराकास में प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष अल्दो जिओरदानो द्वारा पढ़कर सुनाया गया जहाँ राष्ट्रपति निकोलास मदुरो और दो बार राष्ट्रपति रह चुके राष्ट्रपति उम्मीदवार हेनरिक कापरिल्स तथा विपक्षी दल के कई महत्वपूर्ण नेता भी शामिल थे।

मालूम हो कि वेनेजुवेला के विदेशमंत्री एलियस जौवा ने वाटिकन को एक पत्र भेजकर वाटिकन से निवेदन किया था कि वे राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित शांतिवार्ता में वे हिस्सा लें। वार्ता में वाटिकन की उपस्थिति के लिये देश के दोनों पक्ष तैयार थे।
शांति प्रक्रिया में वाटिकन की सहभागिता के निवेदन के लिये संत पापा फ्राँसिस राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और अपनी प्रार्थना का आश्वासन दिया है ताकि देश में शांति और मेलमिलाप का वातावरण हो सके।

संत पापा ने परिवारों के प्रति अपनी चिन्ता जतायी विशेष करके ऐसे लोगों के प्रति जिन परिवारों के सदस्य हिंसा के शिकार हो गये हैं।

संत पापा ने आशा व्यक्त की है कि ऐसे समय में जब विश्व आर्थिक मंदी, हिंसा और अपराधीकरण की मार झेल रहा है राष्ट्रों को चाहिये कि वे अपने बच्चों के भविष्य के की चिंता करें, ईश्वर में आस्था रखें और मानव प्राणी की मर्यादा की रक्षा के लिये कार्य करें।

संत पापा ने कहा कि वार्ता के मार्ग पर चलने के लिये धैर्य और साहस की ज़रूरत है पर इसी से न्याय और शांति का मार्ग प्रशस्त होता है।











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