वाटिकन सिटी, शनिवार 5 अप्रैल, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को
एक विशेष आज्ञप्ति जारी कर ब्राजील के प्रेरित स्पानी जेस्विट होसे दे अंकियेता, कनाडा
की कलीसिया की माता रूप में विख़्यात फ्रेंच उर्सुलाइन धर्मबहन मरि दे लाइन्कारनेशन और
कनाडा के क्यूबेक के प्रथम धर्माध्यक्ष फ्राँकोइस दे लावाल को एक विशेष प्रक्रिया द्वारा
संत घोषित कर दिया। इस प्रक्रिया को ‘इक्वीवालेंट कनोनाईज़ेशन’ या ‘सम संत घोषणा’ कहा
जाता है।
‘सम संत घोषणा’ प्रक्रिया में संत उम्मीदवार के जीवन और कार्यों, उसके
पवित्र जीवन संबंधी चर्चाओं एवं उसकी मध्यस्थता से प्राप्त हुई कृपाओं की जानकारी के
आधार पर गहन अध्ययन करने के बाद संत घोषणा की जाती है।
इस प्रक्रिया में संत प्रकरण
से जुड़े ईशशास्त्री और इतिहासकारों को उनकी मध्यस्थता से प्राप्त चमत्कारों की सत्यता
स्थापित करने की ज़रूरत नहीं होती।
संत होसे दे अंकियेता ने ब्राजील में कई ब्राजीलियन
शहरों की स्थापना की जिसमें साव पौलो भी शामिल है। उनका जन्म सन् 1534 ईस्वीम में स्पेन
के कनारी द्वीप में हुआ था। अंकियेता सन् 1550 ईस्वी में येसु संघी बने और तीन वर्ष बाद
ब्राजील में एक मिशनरी रूप में कार्य किया। उन्होंने स्थानीय जनजातियों के बीच शिक्षा
का प्रसार किया और उनके अधिकारों की रक्षा की। उनकी मृत्यु 9 जून सन् 1597 ईस्वी में
हुई।
संत फ्राँचिओस दे लवाल का जन्म सन् 1623 में हुआ था। उन्होंने कनाडा में
एक मिशनरी रूप में कार्य किया। एक सेमिनरी की स्थापना की, धर्माध्यक्ष बनाये गये और शराब
व्यापार के विरोध में दो दशकों तक फ्रेंच और अमेरिकी मूलवासियों के बीच कार्य किया। उनकी
मृत्यु 85 वर्ष की आयु में सन् 1708 ईस्वी में हुई। संत मरि दे लाइनकार्नेशन का
जन्म फ्राँस के टूर्स में सन् 1599 ईस्वी में हुए। अपने पति कि मृत्यु के बाद वह एक धर्मबहन
बनीं और कनाडा के क्यूबेक में उर्सुलाइन धर्मसमाज की प्रथम मदर सुपीरियर बनी। उनकी म़ृत्यु
सन् 1672 ईस्वी में हुई।