गोवाः गोवा कलीसिया से "धर्मनिरपेक्षता" को परिभाषित करने की मांग
गोवा, 02 अप्रैल सन् 2014 (ऊका समाचार): गोवा की एक राजनैतिक पार्टी ने काथलिक कलीसिया
से मांग की है कि वह "धर्मनिरपेक्षता" शब्द को परिभाषित करे ताकि इस शब्द का दुरुपयोग
न हो पाये।
गोवा की कलीसिया ने काथलिक धर्मानुयायियों से अपील की थी कि वे उन्हीं
अभ्यर्थियों के पक्ष में मतदान करें जो "धर्मनिरपेक्षता" का समर्थन करते हैं किन्तु इसके
बाद से कुछेक राजनैतिक पार्टियाँ अपना स्वार्थ हल करने के उद्देश्य इस शब्द की व्याख्या
अपने पक्ष में कर रही हैं।
गोवा की सुराज राजनैतिक पार्टी का कहना है कि कुछ
राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा कलीसिया के सन्देश का ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि
उनके उम्मीदवारों को समर्थन मिल सके।
सुराज पार्टी के अध्यक्ष फ्लोरियानो लोबो
ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि "कलीसिया द्वारा इसीलिये "धर्मनिरपेक्षता" की स्पष्ट
परिभाषा की जाना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा, "विगत कई वर्षों से कुछ राजनैतिक
पार्टियाँ जैसे काँग्रेस पार्टी स्वतः को धर्मनिरपेक्ष घोषित करती आई है तथा गोवा के
मतदाताओं की आँखों में धूल झोंकती रही है।"
लोबो ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन
के तहत गोवा कम से कम दो साम्प्रदायिक दंगों का गवाह बना है। राष्ट्रीय मंच पर भी कांग्रेस
पार्टी ने धर्म के आधार पर भारत को विभाजित किया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें
कोई सन्देह नहीं कि अतीत के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी का इतिहास भी साम्प्रदायिक
रहा है किन्तु यह भी स्पष्ट है कि काँग्रेस ग़ैर-धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।
गोवा
की 15 लाख की आबादी में 27 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी हैं।