नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की सज़ा को बदला उम्रक़ैद में
नई दिल्ली, 01 अप्रैल सन् 2014 (ऊका समाचार): भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने,
सोमवार को, आतंकवादी देवेंदर पाल सिंह भुल्लर की सज़ा को उम्रक़ैद में बदल दिया।
भुल्लर
की पत्नी नयनीत कौर द्वारा फांसी की सज़ा के ख़िलाफ़ दायर याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट
ने उक्त फ़ैसला सुनाया क्योंकि पहली दया याचिका पर फ़ैसला लेने में आठ वर्ष का समय लगा
था। सरकार ने स्वीकार किया है कि याचिका का उत्तर देने में विलम्ब हुआ।
10
सितंबर सन् 1993 को, भुल्लर द्वारा किये एक कार बम विस्फोट में नौ व्यक्तियों की हत्या
हो गई थी तथा लगभग 25 लोग घायल हो गये थे। भुल्लर का इरादा युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनिंदरजीत
सिंह बिट्टा पर हमला था जो इस विस्फोट में गम्भीर रूप से घायल हो गये थे।
सन्
2001 में इस हमले के लिये आतंकवादी भुल्लर एक टाडा अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी।
मौत की सज़ा के विरुद्ध भुल्लर ने सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका दायर की थी जिसे
न्यायालय ने अप्रैल 2013 में ख़ारिज कर दिया था। राष्ट्रपति द्वारा भी दया याचिका ख़ारिज
कर दी गई थी। 2011 से देवेंदर पाल सिंह भुल्लर का दिल्ली के एक मानसिक चिकित्सा संस्थान
में इलाज चल रहा है।