वाटिकन सिटीः युवाओं के प्रशिक्षण हेतु साहस, परिपक्वता एवं गहन प्रार्थना अनिवार्य,
सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 31 मार्च, सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने साईलिशियन धर्मसमाज
के विश्व प्रतिनिधियों से कहा कि युवाओं प्रेरिताई के लिये साहस, परिपक्वता एवं गहन प्रार्थना
की नितान्त आवश्यकता है।
रोम में अपनी आम सभा के समापन पर साईलिशियन धर्मसमाज
के विश्व प्रतिनिधियों ने, सोमवार को, वाटिकन में, सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार
कर उनका सन्देश सुना।
इस अवसर सन्त पापा ने सन्त डॉन बॉस्को द्वारा स्थापित साईलिशियन
धर्मसमाज की युवा प्रेरिताई तथा युवाओं की शिक्षा के क्षेत्र में धर्मसमाजियों द्वारा
अर्पित सेवाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, "युवाओं के साथ काम करते
समय आपका साक्षात्कार बहिष्कृत युवाओं के विश्व से भी होता है। बेरोज़गारी की कटु वास्तविकता
का मैं विचार कर रहा हूँ जिसके कई नकारात्मक परिणाम होते हैं जैसे आसक्तियाँ आदि जो,
दुर्भाग्यवश प्रेम के अभाव से उत्पन्न होती हैं। हाशिये पर जीवन यापन करनेवाले युवाओं
की प्रेरिताई साहस, मानवीय परिपक्वता तथा गहन प्रार्थना की मांग करती है।"
साईलिशियन
धर्मसमाज की आमसभा के विषयः "सुसमाचारी क्रान्ति के साक्षी" के सन्दर्भ में सन्त पापा
ने कहा, "इस विषय पर चिन्तन करते समय अवश्य आपका ध्यान सन्त डॉन बॉस्को एवं युवाओं के
प्रति अभिमुख हुआ होगा।"
उन्होंने कहा, "सन्त डॉन बॉस्को, इस विषय को "श्रम एवं
संयम" से जोड़ते हैं। वे कहा करते थे कि श्रम एवं संयम धर्मसमाज को फलप्रद बना सकेंगे।"
सन्त पापा ने कहा, "जब हम आत्माओं की भलाई के लिये काम करते हैं तब हम सभी प्रलोभनों
पर विजय पाते तथा केवल ईश्वर एवं ईश राज्य की खोज में लग जाते हैं। संयम की यदि बात की
जाये तो वह अनुपात का भाव है, जितना हम कर सकें उसमें सन्तुष्ट होना, सरल होना।"
सन्त
पापा ने मंगलकामना की कि डॉन बॉस्को की अकिंचनता प्रत्येक साईलिशियन धर्मसमाजी तथा हर
साईलिशियन समुदाय को संयम, तपस्या एवं निर्धनों के सामीप्य की प्रेरणा दे तथा अपनी संस्थाओं
की सम्पत्ति के संचालन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही के साथ काम करने का सम्बल प्रदान
करे।