वाटिकन सिटी, बुधवार26 मार्च, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, काथलिक कलीसिया के संस्कारों
पर धर्मशिक्षामाला को जारी रखते हुए हम पावन पुरोहिताई संस्कार पर मनन-चिन्तन करें।
बपतिस्मा,
दृढ़ीकरण और यूखरिस्तीय बलिदान के द्वारा ख्रीस्तीय बुलाहट को मजबूत करते ख्रीस्तीय और
दो संस्कारों को ग्रहण करने के योग्य बन जाते हैं एक पवित्र पुरोहिताई और दूसरा पवित्र
विवाह। येसु का अनुसरण करने के ये दो रास्ते हैं।
पवित्र पुरोहिताई संस्कार द्वारा
प्रेरितिक सेवा देने के तीन भाग हैं - धर्माध्यक्ष, पुरोहित और डीकन के रूप में। येसु
ने अपने प्रेरितों को अपनी रेवड़ की देखभाल करने का दायित्व सौंपा। अभिषिक्तों के द्वारा
प्रभु येसु ख्रीस्त ख्रीस्तीय समुदाय में उपस्थित होते हैं।
येसु का अनुसरण करते
हुए एक सेवक रूप में वे ख्रीस्तीय समुदाय का नेतृत्व करते हैं। उनसे यह आशा की जाती है
कि काथलिक कलीसिया को अपना अपार प्रेम दिखायें जिसके लिये येसु ने अपना सारा जीवन दे
दिया।
इतना ही नहीं उन्हें चाहिये कि वे प्रार्थना, त्याग और दैनिक यूखरिस्तीय
बलिदान द्वारा अपने अभिषिक्त जीवन की खुशी और कृपा का नवीनीकरण करें।
आज आइये
हम प्रार्थना करें कि कलीसियाई नेताओं के लिये प्रार्थना करें विशेषकरके जो ज़रूरतमंद
हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करें वे कलीसिया को पवित्र, उदार और दयालु चरवाहे प्रदान
करें।
,
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने
भारत इंगलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, नाइजीरिया,
आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, मॉल्टा, डेनमार्क कनाडा, ऑस्ट्रेलिया,
हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार
के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना
करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।