जिनिवाः संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रस्ताव के विरुद्ध श्री लंका के लोगों ने किया
विरोध प्रदर्शन
जिनिवा, 26 मार्च सन् 2014 (एशियान्यूज़): जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय मानवाधिकार
समिति के मुख्यालय के समक्ष, सोमवार को, पाँच हज़ार से अधिक श्री लंका के नागरिकों ने
श्री लंका पर पारित प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन का
आयोजन यूरोप में जीवन यापन करनेवाले श्री लंका के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया था। इसमें
इटली, फ्राँस, जर्मनी, स्विटज़रलैण्ड, यू.के., नॉरवे, स्वीडन तथा नैदरलैण्ड्स में जीवन
यापन करनेवाले आप्रवासियों ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने जिनिवा में संयुक्त
राष्ट्र संघ के महानिदेशक माईकिल म्योलर तथा मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त
नवी पिल्लै को एक पत्र अर्पित किया। इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ से आग्रह किया गया है
कि वह श्री लंका को अपने आन्तरिक मुद्दों को सुलझाने का उचित समय प्रदान करे। यह भी निवेदन
किया गया है कि विश्व में तमिल आप्रवासी भारतीयों से प्रभावित देशों के हस्तक्षेप के
बिना श्री लंका को अपनी समस्याएँ सुलझाने का समय दिया जाये।
संयुक्त राष्ट्र
संघीय मानवाधिकार समिति का 25 वाँ सत्र शुक्रवार 28 मार्च को समाप्त हो जायेगा। श्रीलंका
में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रस्ताव के प्रमुख समर्थक यू.के. तथा संयुक्त राज्य
अमरीका रहे हैं। प्रस्ताव में श्री लंका की सरकार पर गृहयुद्ध के अन्तिम दौर में मानवाधिकारों
के अतिक्रमण का आरोप लगाया गया है।
श्री लंका के राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे
ने संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों की कई अवसरों पर आलोचना की है। इसके विपरीप श्री
लंका की काथलिक कलीसिया तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता मानवाधिकारों के अतिक्रमण को रोकने
के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप की मांग करते रहे हैं।