2014-03-20 10:50:16

मुम्बईः सन्त पापा फ्राँसिस का प्रथम वर्ष दया, सदयता एवं आशा पर केन्द्रित, कार्डिनल ग्रेशियस


मुम्बई, 20 मार्च सन् 2014 (एशियान्यूज़): मुम्बई के "होली नेम कैथीड्रल", महागिरजाघर में, मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति, महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेशियस ने बुधवार, 19 मार्च को, सन्त पापा फ्राँसिस की परमाध्यक्षीय प्रेरिताई के उदघाटन की पहली वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

ख्रीस्तयाग प्रवचन में कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, "परमाध्यक्षीय काल के प्रथम वर्ष में, सन्त पापा फ्राँसिस ने बड़ी सरलता से लोगों के जीवन का स्पर्श किया है। उन्होंने सुसमाचार के आनन्द को लोगों तक पहुँचाया, दया एवं सदयता दिखाई तथा सबके हृदयों में आशा का संचार किया।"

19 मार्च को सन्त पापा फ्राँसिस की परमाध्यक्षीय प्रेरिताई के उदघाटन की प्रथम वर्षगाँठ थी।

कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि "यह वर्ष सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के लिये, भारत के लिये तथा सम्पूर्ण विश्व के लिये कृपा का काल सिद्ध हुआ है।"

उन्होंने कहा, "धर्मशिक्षा एवं परम्परा की निरन्तरता जारी है तथा सन्त पापा फ्राँसिस की सरलता, उनकी सादगी एवं उनके हर्षपूर्ण व्यक्तित्व ने समस्त विश्व को जीत लिया है।"

कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरिताई की पहली वर्ष गाँठ ईस्टर महापर्व से कुछ समय पहले पड़ी है और इसलिये इस अवसर पर उनके चालीसाकालीन सन्देश पर मनन करना उचित होगा जिसमें सन्त पापा हम ख्रीस्तीयों का आह्वान करते हैं कि हम अपने निर्धन भाई बहनों के निकट जायें तथा उनकी निर्धनता को समाप्त करने के लिये ठोस उपाय करें।

उन्होंने कहा कि सन्त पापा का यह उदबोधन, विशेष रूप से, भारत की कलीसिया पर लागू होता है जहाँ निर्धनता के अमानवीय रूप देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कलीसिया का यह सामाजिक एवं प्रेरितिक दायित्व है कि वह हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों के उत्थान हेतु प्रयास करे।









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