वाटिकन सिटी, बुधवार19 मार्च, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज माता मरिया के पति सार्वभौमिक
कलीसिया के संरक्षक और पवित्र परिवार के रक्षक संत जोसेफ का त्योहार मना रहे हैं।
संत
जोसेफ पिताओं और शिक्षकों के आदर्श भी हैं। जैसा कि संत लूकस हमें बतलाते हैं जोसेफ
ने येसु को मानव रूप में विकसित होते देखा। वे लिखते हैं येसु प्रज्ञा, उम्र और कृपा
में बढ़ते गये।
आज हम इस बात पर विचार करें कि कैसे बढ़ई संत जोसेफ ने बालक येसु
को अपने पेशे और श्रम के मूल्य को सिखाया। हम इस बात पर भी चिन्तन करें कि जोसेफ ने येसु
में उस ज्ञान को दिया जिसके द्वारा येसु ईश्वर, प्रार्थना, ईशवचन के प्रति वफ़ादारी और
ईश्वर की इच्छा के प्रति निष्ठा जैसे गुणों को सीखा।
इतना ही नहीं एक पिता रूप
में संत जोसेफ का उदाहरण येसु को एक मानव रूप में विकसित होने में मदद दिया और वह स्वर्गिक
पिता के साथ एक अनोखा और आत्मीय संबंध बनाने में कामयाब हुए।
धन्य कुँवारी मरियम
के साथ मिलकर जोसेफ ने युवा येसु को पवित्र आत्मा के बारे में शिक्षा प्रदान की ताकि
वह अपने ह्रदय में पवित्र आत्मा की आवाज़ सुने और उसके अनुसार कार्य करे।
संत
जोसेफ निश्चय ही प्रार्थनामय जीवन और युवाओं के मार्गनिर्देशन में माता-पिता, पुरोहित
और शिक्षकों के उदाहरण और आदर्श हैं।
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा
समाप्त की।
उन्होंने भारत इंगलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क,
नीदरलैंड, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, मॉल्टा, डेनमार्क
कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित
लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का
साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।