मुम्बईः सन्त पापा फ्राँसिस का प्रथम वर्ष कलीसियाई मिशन पर केन्द्रित, कार्डिनल ग्रेशियस
मुम्बई, 12 मार्च सन् 2014 (एशियान्यूज़): मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति, महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेशियस के अनुसार सन्त पापा फ्राँसिस के परमाध्यक्षीय काल का प्रथम
वर्ष काथलिक कलीसिया के सर्वोपरि कार्य अर्थात् मिशन पर केन्द्रित रहा।
13 मार्च
को सन्त पापा फ्राँसिस की परमाध्यक्षीय नियुक्ति की प्रथम वर्षगाँठ है। इसी के उपलक्ष्य
में एशियान्यूज़ से बातचीत में मुम्बई के कार्डिनल ग्रेशियस ने सन्त पापा के मिशन पर
अपने विचार प्रकट किये।
कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, "सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया
तथा भारत की कलीसिया के लिये यह वर्ष, एकात्मता एवं भ्रातृत्व से भरी, एक हर्षपूर्ण तीर्थयात्रा
का समय सिद्ध हुआ है।"
उन्होंने कहा, "भारत में, हम मैत्री, प्रेम, विश्वास एवं
आस्था की इस तीर्थयात्रा का समारोह प्रार्थनाओं एवं उदारता के कार्यों द्वारा मनाते हैं
और अपने मिशन को लोगों की सेवा एवं राष्ट्र निर्माण के लिये पुनः समर्पित करते हैं।"
उन्होंने
कहा कि एक वर्ष पूर्व अपनी परमाध्यक्षीय नियुक्ति के साथ ही सन्त पापा फ्राँसिस ने कलीसिया
के मिशन को स्पष्टतः परिभाषित किया था और वह है निर्धनों की सेवा जिसपर भारत की कलीसिया
अपने मिशन के आरम्भिक बिन्दु से ही अमल करती रही है। उन्होंने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस
ने भारत की कलीसिया को निर्धनों के प्रति उसके मिशन में और अधिक मज़बूत किया है।