2014-03-07 12:35:46

बच्चों की सेहत को धुएं में न उड़ाएं


लन्दन, शुक्रवार 7 मार्च, 2014 (बीबीसी) 'पैसिव स्मोकिंग' यानि परोक्ष धूम्रपान बच्चों की रक्त धमनियों को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाती है। इसके अलावा इससे उनकी रक्त नलिकाएं असमय ही विकसित हो जाती हैं। ये जानकारी एक शोध के जरिए सामने आई है।
जांचकर्ताओं का कहना है कि हालांकि धमनी की दीवारों में आया ये परिवर्तन मामूली है लेकिन 20 साल बाद बच्चे के वयस्क हो जाने पर यही बदलाव महत्वपूर्ण और असरकारक हो जाते हैं।
शोध करने वाले तस्मानिया विश्वविद्यालय के डॉ. सिएना गल का कहना है, "हमारा अध्ययन बताता है कि जो बच्चा बचपन में पैसिव स्मोकिंग का शिकार होता है उसकी धमनियों की संरचना को प्रत्यक्ष और अपूरणीय क्षति पहुंचती है।"
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन में ह्रदय रोग की वरिष्ठ नर्स डोरियन मड्डोक का कहना है, "पैसिव स्मोकिंग से सेहत को हाने वाला नुकसान जगजाहिर है। मगर ये अध्ययन इससे एक कदम आगे जाकर यह बताता है कि इससे बच्चों की धमनियों को प्रत्यक्ष और अपूरणीय क्षति पहुंचती है, जिससे भविष्य में बच्चों के दिल से जुड़े रोगों के पनपने के खतरे बढ़ जाते हैं।"
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया गया कि तीन से 18 साल की आयु के वैसे 2,000 से अधिक बच्चों की सेहत को खतरा है जिनके माता-पिता दोनों ही सिगरेट पीते हैं.
विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि 'पैसिव स्मोकिंग' यानि सेकेंड हैंड स्मोकिंग से हाने वाले खतरे का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
फिनलैंड और ऑस्ट्रेलिया में किए जाने वाले इस शोध में यह बात सामने आई है कि धुंए से भरे घर में पल-बढ़ रहे् बच्चों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि स्मोकिंग से शरीर को होने वाले नुकसान के अलावा दूसरे नुकसानों को नकारना कठिन है।
जिस बच्चे के माता-पिता दोनों धूम्रपान करते हैं जब उनका अल्ट्रासाउंड किया गया तो उसमें ये देखा गया कि बच्चे के गले से सिर तक जाने वाली मुख्य धमनी की दीवारों में कुछ बदलाव आए हैं।
वहीं दूसरी ओर स्मोकर्स ग्रुप 'फॉरेस्ट' के प्रमुख साइमन क्लार्क कहते हैं, "हमें दहशत फैलाने वाली इन अफवाहों से दूर रहना चाहिए. क्योंकि धमनियों को नुकसानदेह भोजन और वायु प्रदूषण सहित कई और कारणों से भी नुकसान पहुंचता है।"








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