इस्लामाबाद, बृहस्पतिवार, 6 मार्च 2014 (एशियान्यूज़): पाकिस्तान स्थित लाहौर एवं रावलपींडी
धर्मप्रांतों के ख्रीस्तीयों ने 5 मार्च को राखबुध की धर्मविधि द्वारा चालीसे काल का
शुभारम्भ किया। धर्मविधि में विश्वासियों को चालीसा काल के विशेष संदेश दिया गया जो
समुदाय में शांति एवं एकता के साथ जीने का निमंत्रण देता है। संदेश में चालीसे काल की
परम्परा के अनुसार धार्मिक क्रिया-कलापों जैसे- उपवास-परहेज करने, भौतिक वस्तुओं से विरक्ति
एवं निर्जन प्रदेश में येसु के उपवास, प्रार्थना, शैतान द्वारा प्रलोभन आदि पर मनन-चिंतन
करने की याद दिलायी गयी। धर्मविधि में विश्वासियों के माथे पर राख अंकित की गई। लाहौर
के पुरोहित फादर अरशद जॉन ने कहा, "यह विनम्रता के सदगुण में बढ़ने और दुनिया के लालच
से बचने का उपयुक्त अवसर है अतः विश्वासियों को चाहिए कि वे ईश्वर को धन्यवाद दे एवं
दूसरों को खुश करने की अपेक्षा प्रभु के लिए उपवास करते हुए उनकी इच्छा पूरी करें। उपवास
करना एवं उनकी इच्छा पूरी करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। चालीसे के इस समय में विश्वासियों
को देश में शांति हेतु प्रार्थना करनी चाहिए।" विदित हो कि विगत दिनों में पाकिस्तान
के विभिन्न हिस्सों में ख्रीस्तीय अपने विश्वास के कारण प्रताड़ित हुए हैं। वहाँ की जनसंख्या
करीब 180 लाख है जिसमें ख्रीस्तीय की अबादी 1.6 प्रतिशत है।