‘एफआईईएस’ की स्थापना
की 50वीं वर्षगाँठ पर संत पापा का संदेश
वाटिकन सिटी, सोमवार
3 मार्च, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने 3 मार्च सोमवार को वाटिकन सिटी में
अवस्थित क्लेमिन्टीन सभागार में इटालिया फेडेरेशन ऑफ स्पीरिचुअल एक्सरसाइज (एफआईईएस)
नामक संस्था की स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर इसके सदस्यों को संबोधित किया।
संत पापा ने संघ के सदस्यों
को इसके लक्ष्य की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि आध्यात्मिक साधना के लिये बनी इतालवी
संघ का लक्ष्य है आध्यात्मिक साधना के प्रति जागरूकता फैलाना ताकि लोग ईश्वर का गहरा
अनुभव करें, ईशवचन को सुनें और कलीसिया और ख्रीस्त के लिये समर्पित हो सकें।
संत पापा ने कहा कि 50 वर्षीय जुबिली समारोह की विषयवस्तु है ‘सप्रेम
ख्रीस्त की सुगन्धि की आध्यात्मिक सुन्दरता विस्तार करना’। यह विषयवस्तु इस बात को प्रकट
करती है कि आध्यात्मिक साधना ईश्वर के प्रेम और महानता का अनुभव करने का एक आमंत्रण है।
यह व्यक्ति को इस बात के लिये आमंत्रित करता है कि वह खुद नया बन जाये और अपने दैनिक
जीवन और क्रियाकलाप में ख्रीस्त की सुगन्धि को फैलाये। संत
पापा ने कहा कि आज ज़रूरत है इस बात की कि लोग ईश्वर को खोजें। और संघ के सदस्यों का
दायित्व है कि वे लोगों के लिये ऐसा अवसर समय और जगह उपलब्ध करायें ताकि लोग मौनधारण
कर ईशवचन को सुन सकें।
संत
पापा ने आध्यात्मिक साधना निवासों के बारे में बोलते हुए कहा कि आध्यात्मिक साधना निवासों
का संचालन सक्ष्म व्यक्ति करें, वे आध्यात्मिक गुणों से पूर्ण हों ताकि वे उन बातों में
अपनी सहायता दे सकें जो अच्छी हैं।
संत
पापा ने बताया कि आध्यात्मिक साधना का अच्छा सेमिनार व्यक्ति के जीवन को नया करता और
येसु के प्रति शर्त्तहीन समपर्ण के लिये प्रेरित करता है। इससे व्यक्ति को आंतरिक ताकत
मिलती है और व्यक्ति प्रार्थनामय जीवन के मूल्य को समझ पाता है। संत पापा ने आध्यात्मिक साधना के लिये बनी इस संघ के लिये मात् मरिया
की मध्यस्थता से प्रार्थना की महाधर्माध्यक्ष स्कानाविनो सहित उपस्थित अन्य जनों को अपना
प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।