प्यार के रास्ते में असफल लोगों को दण्ड नहीं सहायता
वाटिकन सिटी, शनिवार 1 मार्च 2014 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने 28 फरवरी को वाटिकन
स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए
प्रवचन में विवाह संस्कार की सुन्दरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रवचन में संत मारकुस
रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जिसमें फ़रीसी ईसा की परीक्षा लेते हुए उनसे
प्रश्न करते हैं कि क्या अपनी पत्नी का परित्याग करना पुरुष के लिए उचित है? संत पापा
ने विवाह की सुन्दरता पर चिंतन करते हुए सचेत किया कि वैवाहिक जीवन में जो लोग असफलता
का अनुभव करते हैं उन्हें कलीसिया दण्डित नहीं करे किन्तु उसके साथ-साथ चले। संत
पापा ने विवाह पर प्रश्न द्वारा मन बहलाव करने के प्रलोभन की ‘विशेष सिफारिश’ के लिए
भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि तलाक की समस्या की गंभीरता से येसु अवगत थे कि फ़रीसियों
की नीति हमेशा समान रही है, क्या यह वैध है अथवा नहीं। संत पापा ने कहा कि यह एक
छोटा मामला है किन्तु व्यक्ति को फंदे में फंसाना है। इसके पीछे उनकी मीमांसा सदा लोगों
को तथा ईश्वर को अपने फंदे में फंसाना है। फरीसियों ने येसु से सवाल किया था कि क्या
पत्नी का परित्याग करना उचित है येसु ने इसके जवाब में संहिता की शिक्षा पूछते हुए व्याख्या
दी कि क्यों मूसा ने कानून का संशोधन किया। किन्तु येसु यहीं पर नहीं रूक जाते किन्तु
समस्या के केंद्र में प्रवेश करते हैं तथा उत्पति ग्रंथ में निहित सृष्टि का उदाहरण देते
हैं। "सृष्टि के प्रारम्भ से ईश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया इस कारण पुरुष अपने माता-पिता
को छोड़ेगा और अपनी पत्नी के साथ रहेगा और वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे।" (उत्प.2.24) ईश्वर
ने मनुष्य को सृष्टि का ताज बनाया, उन्होंने नर और नारी बनाया और वे नहीं चाहते कि नर
अकेला हो वे चाहते हैं कि वह सदा अपने साथी के साथ हो। जब आदम ने हेवा से मुलाकात की
तो यह उनके प्यार की शुरूआत थी। संत पापा ने कहा दूसरी ओर, सृष्टि का ताज (मास्टर पीस)
यहीं खत्म नहीं हो गया ईश्वर ने इस प्रतीक का उपयोग लोगों के प्रति अपने प्यार को समझाने
हेतु किया है। जब लोगों ने उनके साथ विश्वासघात किया तब भी उन्होंने प्यार से उनसे बातें
की। संत पौलुस ख्रीस्त के रहस्यों का वर्णन करते हैं तो वे भी उसे पति का रिश्ता
बतलाते हैं। क्योंकि ख्रीस्त ने कलीसिया से विवाह किया है जिस प्रकार ईश्वर ने ईस्राएली
जनता को प्रजा कह कर पुकारा था। इस प्रकार यह प्यार का रास्ता है जब इसमें उचित अनुचित
की बात आती है तो दुख का प्रवेश होता है। संत पापा ने कहा कि इसी कारण जब विवाह असफल
हो जाता है तो हमें इसके दर्द को समझना चाहिए। प्यार के रास्ते में असफल लोगों को दण्ड
नहीं सहायता देनी चाहिए तथा इसे वैध या अवैध की संज्ञा नहीं दी जानी चाहिए। संत पापा
ने कहा कि सुसमाचार प्यार की इस योजना पर चिंतन के लिए प्रेरित करता है। जब हम इस पर
चिंतन करते हैं तो हमें मालूम होता है कि प्यार एवं पारिवारिक जीवन कितना अच्छा है। संत
पापा ने कहा कि ख्रीस्त ने कलीसिया के साथ विवाह किया है हम कलीसिया के बिना ख्रीस्त
को नहीं समझ सकते हैं एकं ख्रीस्त के बिना कलीसिया को। यह एक महान रहस्य है। ईश्वर हम
सभी को इस रहस्य को समझने की कृपा प्रदान करे जिससे कि हम फरीसियों एवं संहिता के ज्ञाताओं
की मीमांसक मनोभावनाओं में न पड़े।