श्रोताओं के पत्र पत्र- 17.2.14 किसी के टूटे ख्वाब को साजाना जिंदगी है, रोती
हुई आँखों को हँसाना जिंदगी है, नसीब में हर खुशी हो ये मुमकीन नहीं, गमों को आँखों में
छुपाना जिंदगी है। सुप्रभात एवं आज का दिन मुबारक हो। बिहार के गोराडीह भागलपुर से
प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष डॉ. हेमान्त कुमार। पत्र- 21.2.14 प्रिय
साहब, मुजफ्फरपुर से आप सभी को नमस्कार। मेरा नाम मुकेश कुमार है, मैं रेडियो के प्रति
उत्साह रखता हूँ। मैं आपके दैनिक कार्यक्रमों, आवृति एवं स्टेशन की विस्तृत जानकारी प्राप्त
करना चाहता हूँ। कृपया मेरे लिए आवश्यक जानकारी जल्द से जल्द मेरे पते पर भेजने का कष्ट
करें। मुझे इसे प्राप्त कर खुशी होगी। मुजफ्फरपुर से मुकेश कुमार।
पत्र- 25.2.14 प्रिय
फादर जस्टिन, सिस्टर उषा एवं जूलियेट ख्रीस्टोफर, आप सभी को देश के दक्षिणी हिसस्
एवं पूरे धर्मप्रांत की ओर से नमस्कार। मुझे यह जानकारी देते हुए हर्ष हो रहा है कि यहाँ
कैम्पबेल बे में शनिवार एवं रविवार को, दो दिवसीय, स्थानीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन
किया गया था। जिसमें दो पल्लियों के करीब 80 युवाओं ने भाग लिया। इसका समापन युवाओं द्वारा
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति द्वारा हुआ। धर्मप्रांत के यूथ संचालक फादर महिपाल
बालमूच इस अवसर पर मूख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय यूथ संचालक फादर सेबास्तियन
तिर्की ने किया था। फादर सिप्रियन ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए विश्व युवा दिवस पर
संत पापा के संदेश की याद की। अण्डमान के कम्पबेल बे से फादर सिप्रियन खलखो।
पत्र.25.2.14 आदरणीय
पिता जी, आप सभी को प्रभु येसु के नाम में प्यार भरा नमस्कार। नयी दिशाएं कार्यक्रम में
जीवन पर आपके विचार सुना। ‘बूझने न पाये घर का चिराग’ शीर्षक का नाटक सुना, काफी अच्छा
लगा। सभी कलाकारों को धन्यवाद| पियर्स मोरिसस से विद्यानन्द राम दयाल। 14.1.14 जय
मसीह की, 08 जनवरी को शाम की सभा मेँ कार्यक्रम 'धर्म शिक्षा माला' के अंतर्गत बपतिस्मा
के महत्व पर संक्षिप्त जानकारी पसंद आयी तथा 'श्रोताओँ के पत्र' मेँ श्रोताओँ के पत्रोँ
को पढ़ कर आकर्षक शैली मेँ जवाब दिया। बेहतर प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। बिहार
के गोराडीह भागलपुर से प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष डॉ. हेमान्त कुमार।
पत्र-
20.2.14 आपके वाटिकन भारती पत्रिका का अक्टूबर महिने का अंक 4 फरवरी 2014 को प्राप्त
हुआ। इसके पहले के अंक भी नियमित अंतराल में मिलते रहे हैं। बहुत दिनों बाद आपको पत्र
लिख रहा हूँ, इसके लिए माफी चाहता हूँ। कार्यक्रम साफ सुनाई नहीं पड़ रहा है।