2014-02-22 14:05:17

ईश्वर के ज्ञान की अपेक्षा उनके संदेश को स्वीकारना श्रेष्ठकर


वाटिकन सिटी, शनिवार, 22 फरवरी 2014 (वीआर सेदोक): "फलों के अभाव में विश्वास पूर्ण रूप से निर्जीव होता।" यह बात संत पापा फ्राँसिस ने 21 फरवरी को, वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में पवित्र मिस्सा के दौरान कही।
संत पापा ने प्रवचन में कहा, "संसार ऐसे ख्रीस्तीयों से भरा है जो प्रेरितों के धर्मसार की प्रार्थना तो दुहराते रहते हैं किन्तु उसका अभ्यास बिरले ही करते हैं। वे ईशशास्त्र को स्पष्ट क्रम की श्रृंखला में रखकर तथा बड़े करीने से कवच बना कर वास्तविक जीवन पर उसका कोई प्रभाव होने नहीं देते हैं। संत याकूब को दो हज़ार वर्षों पूर्व इसी खतरे का भय था।"
संत पापा फ्राँसिस ने संत याकूब के पत्र से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ कहा गया है कि "कर्मों के अभाव में विश्वास व्यर्थ है?"
हम कई बार यह कहते हुए ग़लती करते हैं, मुझे बहुत अधिक विश्वास है, मैं सब कुछ पर पूरा विश्वास करता हूँ... जो व्यक्ति ऐसा दावा करता है और शिथिल जीवन व्यतीत करता है तो उसका जीवन मात्र एक व्याख्यान है। उसका विश्वास उसके जीवन में सजीव नहीं है। यद्यापि प्रेरित संत याकूब जब विश्वास की बात करते हैं तो वे निश्चय ही सिद्धांत की बात कर रहे हैं जिसका आधार विश्वास है तथापि एक विश्वासी को सभी आज्ञाओं, भविष्यवाणियों एवं विश्वास की सच्चाईयों को सीखना है और यदि इनका अभ्यास नहीं किया जाता हो तो सब व्यर्थ है। हम बिना विश्वास के प्रेरितों के धर्मसार की प्रार्थना को अच्छी तरह दोहरा सकते हैं और कई लोग इस प्रकार करते भी हैं यहाँ तक कि शैतान भी। शैतान तो प्रार्थना का अर्थ भी अच्छी तरह समझता और जानता है कि वह सत्य है किन्तु उसमें विश्वास का अभाव है।
संत पापा ने कहा कि ज्ञान अर्जित करने की अपेक्षा ईश्वर के संदेश को स्वीकारना श्रेष्ठकर है जिसे ख्रीस्त ने प्रदान किया है। ख्रीस्तीय जो धर्मानुयायी विश्वास करते हैं कि विश्वास विचारों की एक प्रणाली है, उन्हें प्रेरित संत योहन, ख्रीस्त-विरोधी कहते हैं।
संत पापा ने सुसमाचार पर ग़ौर किया कि उसमें ऐसे लोगों के उदाहरण हैं जो धर्मशिक्षा नहीं जानते किन्तु अत्याधिक विश्वास करते हैं। जैसे कनानी स्त्री, समारी स्त्री एवं अंधा व्यक्ति। संत पापा ने कहा कि विश्वास ईश्वर के साथ हमारी मुलाकात है जहाँ से विश्वास का उदगम होता है तथा जहाँ से हमें विश्वास का साक्ष्य मिलता है।
संत पापा ने पवित्र मिस्सा में फ्लोरेंस के ससम्मान सेवा निवृत महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल सिलवानेल्ली के 90 वें जन्म दिवस के शुभावसर पर उनके लिए प्रार्थनाएँ अर्पित कीं। संत पापा ने उनकी सेवा, साक्ष्य एवं भलाई के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।








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