2014-02-15 16:15:50

जीवन रक्षा हेतु परमधर्मपीठीय अकादमिक समिति की आम सभा


वाटिकन सिटी, शनिवार, 15 फरवरी 2014 (वीआर सेदोक): जीवन रक्षा के लिए परमधर्मपीठीय अकादमिक समिति की आम सभा रोम स्थित अगुस्तिनियनुम संस्था में 19 से 22 फरवरी तक चलेगी जिसमें इसकी स्थापना की 20 वीं वर्षगाँठ भी मनायी जायेगी।
आम सभा की विषय वस्तु है "वृद्ध एवं विकलांग"।
आम सभा के दौरान एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है जो सभी के लिए खुला है विशेषकर, शोधकर्ता, विशेषज्ञ, स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मी एवं ज्ञान के इच्छुक विद्यार्थी भाग ले सकते हैं।
आम सभा में दर्शनशास्त्री एवं ईशशास्त्री, वैज्ञानिक एवं मेडिकल, नैतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण के व्यावहारिक प्रयोग पर विशेषज्ञ विचार प्रस्तुत करेंगे।
जीवन रक्षा के लिए परमधर्मपीठीय अकादमी के अध्यक्ष एच.ई. मान्यवर इग्नासियो कर्रास्को दी पावला ने कहा, "शारीरिक और बौद्धिक क्षमताओं के क्षेत्र में आने वाला युग कई चुनौतियों को ला सकता है। ये क्षमताएँ बहुधा मानव व्यक्ति की स्वायत्तता एवं जीवन को प्रभावित करती हैं जो व्यक्ति, परिवार एवं समाज के जीवन में चुनौतियों को बढ़ा देती हैं। इस सच्चाई में एक नवीकृत चिंतन प्रस्तुत कर कलीसिया उल्लेखनीय और अग्रणी समर्थन प्रदान करती है।"
तीन सत्रों की कार्यशाला में प्रमुख विषय है ‘विकलांग एवं बुजुर्गों के लिए सामाजिक एवं सांस्कृतिक समस्याएँ, बुजुर्गो के लिए जीवन रक्षक अन्तरराष्ट्रीय दस्तावेज जो उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में मदद करता है।
आम सभा एवं कार्यशाला में प्रवेश हेतु आवेदन की पूरी जानकारी अकादमी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
ज्ञात हो कि धन्य संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने 11 फरवरी सन् 1994 ई. में अपने प्रेरितिक उदबोधन ‘वीते मिस्तेरियुम’ प्रकाशित किया था जिसके तत्वधान में जीवन रक्षा के लिए परमधर्मपीठीय समिति का गठन किया गया है।








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