2014-02-14 14:21:24

सुरक्षा परिषद से तत्काल कार्रवाई की माँग


न्यूयॉर्क, शुक्रवार 14 फरवरी, 2014 (बीबीसी) संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता मुखिया वैलेरी एमोस ने युद्ध से प्रभावित सीरिया में सहायता सामग्री की पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा परिषद् से तत्काल कार्रवाई की अपील की है।

इस संबंध में एक प्रस्ताव लाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि सरकार और विद्रोही दोनों ही खुल्लमखुल्ला मानवाधिकार कानून का उल्लंघन करते रहें।

सीरिया में एक ओर जहाँ लाखों लोग अपना घर छोड़ कर पलायन कर रहे हैं, दूसरी तरफ सहायता पहुंचाने के मुद्दे पर परिषद में गतिरोध बना हुआ है।

इस बीच, सीरियाई सेना ने विद्रोहियों के कब्जे वाले मुख्य कस्बे याब्राउद पर फिर से हमला शुरू कर दिया है। बुधवार से ही इस कस्बे पर लड़ाकू विमानों और तोपों से बमबारी जारी है।

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में चल रही शांति वार्ता में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए दोनों ही पक्ष अधिक से अधिक इलाके हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।

राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार और सीरिया के विपक्षी समूहों के बीच बातचीत में गतिरोध अभी भी कायम है।

बुधवार तक दोनों ही पक्ष एक न्यूनतम एजेंडे तक पर सहमति बनाने में असफल रहे। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के अरब लीग के राजदूत लखदर ब्राहिमी ज्यादा आशावादी हैं।

उन्होंने बताया कि अमरीकी और रूसी अधिकारियों की ओर से उन्हें आश्वासन मिला है कि गतिरोध को तोड़ने के लिए दोनों ही देश इच्छुक हैं।

गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र परिषद को संबोधित करते हुए बैरोनेस एमोस ने कहा, ''नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने में सभी पक्ष असफल हो गए हैं. हम समझते हैं कि यहां एक युद्ध चल रहा है लेकिन युद्ध के भी कुछ नियम होते हैं।''

उन्होंने कहा, ''जब मैंने होम्स के बारे में सुरक्षा परिषद में चिंता जाहिर की थी, तबसे 14 महीने होने जा रहे हैं. हम 1200 लोगों को बाहर निकालने में सफल रहे हैं और करीब 2,500 लोगों तक खाना व दवाएं पहुंचाई हैं।''

उधर अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस एक कड़ा प्रस्ताव लाए जाने की हिमायत कर रहे हैं लेकिन रूस इसका विरोध कर रहा है। वो इसकी जगह एक अलग प्रस्ताव को आगे कर रहा है जिसमें इस लड़ाई को ''आतंकवाद'' कहा गया है।

मार्च 2011 से जबसे सीरिया में लड़ाई शुरू हुई है तबसे एक लाख लोग मारे जा चुके हैं और करीब 95 लाख लोगों को घर छोड़ कर पलायन करना पड़ा है।








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