वाटिकन सिटी, बुधवार 12 फरवरी, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्राँगण में, विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम आज कलीसिया के सात संस्कारों
पर धर्मशिक्षा माला को जारी रखते हुए दैनिक जीवन में यूखरिस्त संस्कार के महत्व पर चिन्तन
करें।
पहली बात तो यह है कि दूसरों के प्रति हमारी भावना यूखरिस्त से प्रभावित
होती है। येसु ने दुनिया के लोगों के साथ अपना जीवन बिता कर अपने प्रेम प्रकट किया। उन्होंने
लोगों के दुःख और सुख में हिस्सा लिया। ठीक इसी प्रकार, यूखरिस्त हमें दूसरों के करीब
लाता है - चाहे वह युवा या वृद्ध हो, अमीर या गरीब तथा पड़ोसी हो या अजनबी।
यूखरिस्त
संस्कार हमें इस बात के लिये आमंत्रित करता है कि हम दूसरों को भाई-बहनों की तरह देख
सकें और उनके चेहरे में येसु ख्रीस्त को पहचानें।
दूसरी बात है कि हम यूखरिस्त
में हम पापक्षमा का अनुभव करते हैं और दूसरों को क्षमा देने की प्रेरणा प्राप्त करते
हैं।
हम यूखरिस्तीय बलिदान इसलिये नहीं चढ़ाते हैं क्योंकि हम योग्य हैं पर इसलिये
क्योंकि हम शब्दधारी येसु ख्रीस्त की दया पाने की ज़रूरत गहराई से महसूस करते हैं। यूखरिस्त
संस्कार में हम येसु ख्रीस्त का शरीर और रक्त प्राप्त करते हैं जो हमारे पापों को धो
डालता और हमें नवीन कर देता है।
यूखरिस्त संस्कार के बारे में तीसरी बात यह
है कि यह ख्रीस्तीय समुदाय को ईशवचन और येसु के जीवन से परिपोषित होता है। इतना ही नहीं
यूखरिस्त संस्कार से ही कलीसिया अपनी पहचान तथा मिशन को प्राप्त करती है।
यह
एक ऐसा महत्वपूर्ण समारोह है जिसमें ख्रीस्त हमारे जीवन को कृपाओं से पूर्ण कर देता है
ताकि हमारा जीवन ईश्वर की पूजा और कलीसियाई धर्मविधि के अनुरूप ही अर्थपूर्ण हो सके।
आइये, हम यूखरिस्त को प्रार्थना और विश्वास की भावना से जीयें और इस बात की आशा
रखें कि येसु ने जिन बातों की प्रतिज्ञा की है वह एक दिन पूर्ण हो जायेगा।
यूखरिस्त,
येसु के पवित्र शरीर और रक्त का संस्कार है। कलीसियाई जीवन का स्रोत, यूखरिस्त संस्कार
हमारे विश्वास, साक्ष्य और सहचार्य की तीर्थयात्रा के हर कदम में हमारा साथ देता है।
यूखरिस्त, वेदी में येसु के बलिदान से मिलने वाली जीवन रोटी से केवल हमें संतुष्ट
नहीं करता पर पवित्र बाईबल से प्राप्त होने वाले ईशवचन की घोषणा से भी हमें पोषित करता
है।
आइये, हम प्रार्थना करें कि पवित्र यूखरिस्त में उपस्थित प्रभु हमारे जीवन
और समुदायों को नवीन कर दें।
इतना कह कर, संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त
की।
उन्होंने इंगलैंड, वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड आयरलैंड, फिलीपीन्स,
नोर्व, स्कॉटलैंड. जापान, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के
तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा
प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।