100 से अधिक लोकधर्मियों के संत बनाये जाने की प्रक्रिया आगे बढ़ी
वाटिकन सिटी, सोमवार 10 फरवरी, 2014 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने 100 से अधिक लोकधर्मियों
सहित अनेक धर्माध्यक्ष, धर्मसमाजी बहन और दो पुरोहित शहीदों के संत बनाये जाने की प्रक्रिया
को आगे बढ़ाने की मंजूरी दी है।
7 फरवरी शुक्रवार को वाटिकन से जारी एक आधिकारिक
घोषणा में संत पापा ने संत प्रकरण संबंधी समिति को इस बात के लिये अधिकृत किया कि वे
कोरिया में सन् 1791 से लेकर सन् 1888 ईस्वी के बीच ख्रीस्तीयों पर हुई धर्मसतावट में
शहीद हुए लोगों की संत बनाये जाने की प्रक्रिया को अगले चरणों पर ले चलें।
कोरिया
में विश्वास के लिये प्राण देनेवालों में पौल युन जी चुंग प्रमुख ख्रीस्तीय रहे जिनका
जन्म एक कुलीन परिवार में हुआ था। उन्होंने 28 वर्ष की आयु में ख्रीस्तीय धर्म स्वीकारा
और अपनी माँ और परिवार के अन्य सदस्यों को भी ख्रीस्तीय बनने में मदद की और विश्वास की
रक्षा करते हुए 8 दिसंबर सन् 1791 ईस्वी में शहीदी प्राप्त की।
शहीदों की मंडली
में फ्राँसिस्कन पुरोहित फ्राँचेस्को जिरानो के भी संत बनाये जाने की प्रक्रिया को आगे
बढ़ाते हुए ‘ईश सेवक’ का दर्जा प्रदान किया गया। फादर फ्राँचेस्को को सन् 1603 ईस्वी
में अल्जिरयर्स में अपने ख्रीस्तीय विश्वास के लिये प्राण गंवाने पड़े। अपने विश्वास
के लिये उन्हें जेल की सजा हुई थी जहाँ उन्होंने अपने अन्य ख्रीस्तीय साथियों को विश्वास
में मजबूत होने के लिये प्रोत्साहन देता रहा और 25 जनवरी सन् 1603 ईस्वी में उसे मृत्यु
दंड दिया गया।
शुक्रवार 7 फरवरी की घोषणा में संत पापा ने तीन अन्य ख्रीस्तीयों
को उनके विशिष्ठ गुणों के लिये संत बनाये जाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ाये जाने के लिये
अधिकृत किया। उनमें मेक्सिको के सल्टिल्लो के धर्माध्यक्ष जीज़स मरिया एकावारिया (मृत्यु
1954), कटेकिस्ट सिस्टर्स ऑफ गुवादालूपे के संस्थापक, फादर फौस्तिनो घिलार्दी (मृत्यु
1937) और सिस्टर्स ऑफ़ लव ऑफ़ गॉड धर्मसमाज की सिस्टर मरिया रोचियो (मृत्यु 1956) प्रमुख
हैं।