वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 फरवरी 2014 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत मार्था प्रेरितिक
आवास के प्रार्थनालय में, 7 फरवरी को संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र मिस्सा अर्पित करते
हुए प्रवचन में याद दिलाया कि सभी ख्रीस्तीय दीनता के साथ सुसमाचार प्रचार हेतु बुलाये
गये हैं। उन्होंने प्रवचन में संत योहन बपतिस्ता की दर्दनाक हत्या की घटना का सुसमाचार
लेखक संत मारकुस द्वारा वर्णित पाठ पर चिंतन किया। संत पापा ने कहा, "योहन एक ऐसा
व्यक्ति था, जिसे ईश्वर ने अपने पुत्र का मार्ग तैयार करने के लिए भेजा था। संत योहन
ने हेरोद के भ्रष्ट एवं दुराचार भरे दरबार के सभी लोगों से मन-परिवर्तन का आग्रह किया"
जिसके बदले में उसे अपनी जान देनी पड़ी। संत पापा ने योहन बपतिस्ता के कार्यों की
याद करते हुए कहा कि उसने सर्वप्रथम येसु ख्रीस्त का प्रचार किया, वह मसीह की घोषणा करना
चाहता था किन्तु नहीं कर सका। उसका दूसरा काम था सच्चाई प्रकट करना "वह सत्य का पूजारी
था।" उसका तीसरा कार्य था "येसु का अनुसरण," उसने शहादत एवं दीनता द्वारा येसु ख्रीस्त
का अनुसरण किया। संत पापा ने बल देते हुए कहा, कि "कलकत्ता की धन्य तेरेसा जैसे धर्मसंधियों
के समान योहन बपतिस्ता को भी काले दिन एवं दुखद समय से होकर गुजरना पड़ा। दुविधा में
पड़कर उसने शिष्यों को येसु के पास जानकारी लेने भेजा। संत पापा ने कहा कि योहन शिष्य
का प्रतीक है क्योंकि येसु ख्रीस्त की घोषणा की और खुद उनका अनुकरण भी किया। अंत
में संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीयता को मात्र एक सौभाग्य की दृष्टि से देखना उचित नहीं
है बल्कि यह समझना अनिवार्य है कि हम विनम्रतापूर्वक और अधिकार के बिना सुसमाचार की घोषणा
के लिए बुलाए गये हैं।