काथलिक समुदाय का विरोध कॉस्टल रेगुलेशन रूल्स में सहायक
तिरूआनन्दापुरम, शनिवार 8 फरवरी 2014 (उकान): केरल के मुख्य मंत्री ओमान चंडी ने नये
कॉस्टल रेगुलेशन ज़ोन रूल्स 2011 (सी आर ज़ड) पर मछुवों की जीविका प्रभावित होने के कारण
उसके लागू किये जाने पर आपत्ति बढ़ाये जाने की बात कही है। उन्होंने बुधवार को विधान
सभा में सीपीएम विधायक एस. शर्मा द्वारा स्थगन प्रस्ताव का उत्तर देते हुए कहा, "कॉस्टल
ज़ोन मैंनेजमेंट योजना की परिस्थिति एवं प्रस्तावना के प्रति सरकार सचेत है तथा इसके
सभी पक्षों को ध्यान में रखकर विचार किया जाएगा। सीपीएम विधायक एस. शर्मा ने कहा कि
कॉस्टल रेगुलेशन ज़ोन रूल्स के 25 संशोधन किये गये किन्तु इसके बावजूद नियम स्पष्ट नहीं
है। विदित हो कि स्थानीय काथलिक समुदाय ने योजना का विरोध किया था क्योंकि इस नियम
से हज़ारों लोगों के विस्थापित होने की आशंका है। केरल के महाधर्माध्यक्ष फ्राँसिस
कालाराकल ने कहा था, "जो समुद्रतटीय स्थल मछुवों को जीविका प्रदान करते हैं वही आदिवासियों
के लिए जंगल भी हैं।" उनके अनुसार विरोध किया जाना आवश्यक है क्योंकि मछुआ समुदायों
के नष्ट हो जाने की आशंका है। विदित हो कि कॉस्टल रेगुलेशन ज़ोन रूल्स से राज्य के
11 लाख मछुवों के प्रभावित होने की संभावना है।