गुवाहाटीः महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल जोवाई के प्रेरितिक प्रशासक नियुक्त
गुवाहाटी, 05 फरवरी सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने गुवाहाटी के सेवानिवृत्त
महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल को जुवाई धर्मप्रान्त का नया प्रेरितिक प्रशासक नियुक्त कर
दिया है। सोमवार को वाटिकन प्रेस द्वारा यह प्रकाशना की गई। जून सन् 2011 में जोवाई
के धर्माध्यक्ष विन्सेन्ट किमपत के निधन के बाद से जोवाई की धर्माध्यक्षीय पीठ रिक्त
रही है। महाधर्माध्यक्ष थॉमस मेनामपरमपिल का जन्म केरल के पालाय में 22 अक्टूबर
सन् 1936 ई. को हुआ था। सन् 1981 ई. में आप डिब्रूगढ़ के धर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये
थे तथा सन् 1992 से गुवाहाटी के धर्माध्यक्ष एवं सन् 1995 से गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष
रहे थे। वर्ष 2012 में 75 वर्ष की आयु सीमा पार कर लेने के उपरान्त महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल
ने अपना त्याग पत्र दे दिया था। सेवानिवृत्ति के बाद जोवाई धर्मप्रान्त के प्रेरितिक
प्रशासक रूप में महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल की नियुक्ति को भारत के उत्तरपूर्व क्षेत्र
में शांति को प्रोत्साहित करने हेतु कलीसिया की पहल माना जा रहा है। कई संघर्षरत
आदिवासी दलों के बीच शांति की स्थापना में महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल सफल रहे हैं। सन्
1996 में बोडो-आदिवासी, सन् 1998 में कूकी-पायते, सन् 2003 में दिमासा-ह्मार, इसी वर्ष
करबी-कूकी, सन् 2004 में दिमासा-करबी, सन् 2010 में बोडो-मुस्लिम तथा सन् 2011 में राभा-गारो
आदिवासी समूहों के बीच शांति की स्थापना में महाधर्माध्यक्ष सफल रहे थे। साईलिशियन
धर्मसमाज के सदस्य महाधर्माध्यक्ष मेनामपरमपिल को उनकी शांति पहलों के लिये सन् 2011
में, नोबेल शांति पुरस्कार के लिये मनोनीत किया गया था। विगत अक्टूबर माह में रोम स्थित
परमधर्मपीठीय अर्बन विश्वविद्यालय ने उन्हें शांति में उत्कृष्ट योगदान के लिये सम्मानार्थ
डॉक्टरेड की उपाधि भी प्रदान की थी।