इतालवी मरीनों का मामला: भारत सरकार को एक हफ्ते का वक्त
दिल्ली, सोमवार 3 जनवरी, 2014 (पीटीआई) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र से दो इतालवी
मरीनों पर समुद्री डकैती विरोधी कानून लगाने के मुद्दे से जुड़े सभी विवादों को एक हफ्ते
के भीतर सुलझाने को कहा। इटली के ये मरीन साल 2012 में केरल के अपतटीय क्षेत्र में दो
भारतीय मछुआरों को मार डालने के आरोपी हैं।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान के नेतृत्व
वाली एक पीठ ने केंद्र से 10 फरवरी तक मुद्दे पर गतिरोध को खत्म करने और रूख स्पष्ट करने
को कहा। इस मुद्दे से कानून, गृह और विदेश मंत्रालय जुड़े हैं।
अटॉर्नी जनरल
जीई वाहनवती ने पीठ को बताया कि केंद्र ‘लगभग’ मुद्दे को सुलझा चुका है और वह सुनवाई
की अगली तारीख को जवाब देगा।
इटली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल
रोहतगी ने कहा कि केंद्र मामले में कार्यवाही आगे बढ़ाने में सफल नहीं रहा है और शीर्ष
अदालत द्वारा नियमित कार्यवाही आयोजित करने का आदेश दिए जाने के बाद से 13 महीने गुजर
चुके हैं। उन्होंने कहा कि मरीनों को उनके देश वापस जाने की अनुमति मिलनी चाहिए।
पीठ
इटली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें समुद्री नौवहन सुरक्षा से जुड़ा आतंकवाद
रोधी कानून एसयूए लगाए जाने को चुनौती दी गई है।
याचिका में कहा गया है कि यह
शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ है जिसने सिर्फ समुद्री क्षेत्र कानून, भादंसं, सीआरपीसी
और यूएनसीएलओएस के तहत कार्यवाही की मंजूरी दी थी।
पिछले साल के अप्रेल में भारत
के प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह ने अपने इतालवी समकक्ष मारियो मोंटी को आश्वासन दिया
था कि इटली के मरीनों को मौत की सज़ा नहीं मिलेगी।