वाटिकन सिटी, शुक्रवार 31 जनवरी, 2014 (सेदोक,वीआर) वाटिकन सिटी मे 31 जनवरी शुक्रवार
को विश्वास के सिद्धांत के लिये बनी समिति की पूर्णकालिक सभा को संबोधित करते हुए कहा
कि समिति का दायित्व है कि वे सार्वभौमिक कलीसिया के विश्वास के सिद्धांत और नैतिकता
की रक्षा करें।
उन्होंने कहा कि जब विश्वास सरलता और पवित्रता में प्रकाशित होता
तब कलीसियाई जीवन में ईशमय होता और प्रभावकारी फल लाता है। प्रभु येसु में हमारा विश्वास
ईश्वर की ओर हमारे ह्रदय को खोलता है मानव जीवन को सच्चाई, भलाई और अच्छाई की ओर खोलता
है।
संत पापा ने ‘एवान्जेली गौदियुम’ की चर्चा करते हुए कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य
है विश्वास की नींव को मजबूत करना और ईशप्रजा की भलाई करना।
उन्होंने कहा कि
विश्वास की अखंडता को बरकरार रखने की ज़िम्मेदारी अति महत्वपूर्ण है। इसके लिये स्थानीय
कलीसियाओं और विश्वास संबंधी विभिन्न धर्माध्यक्षीय आयोगों के साथ मिल कर कार्य किये
जाने की ज़रूरत है।
संत पापा ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि विश्वास
के सिद्धांत के लिये बनी समिति वार्ता और सहशासन से चलती है और इसे हर स्तर पर बढ़ाये
जाने की ज़रूरत है जिससे विश्वास की चमक प्रखर हो।
उन्होंने कहा कि समिति को
चाहिये कि वे अपने मिशन में विश्वास के उस आनन्द को बनाये रखें जिसका अनन्त स्रोत है
प्रभु येसु ख्रीस्त और यह आनन्द उसके प्रत्येक शिष्य को प्राप्त होता है जो कलीसिया के
सुसमाचार के मिशन में सहभागी होता है।
संत पापा ने समिति के सदस्यों से अपील की
वे बच्चों तथा युवाओं के हित रक्षा के लिये कार्य करें ताकि उनका मानवीय और आध्यात्मिक
विकास हो सके।