वाटिकन सिटी, शुक्रवार 24 जनवरी 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 24
जनवरी को वाटिकन स्थित सान्ता मार्था अतिथि निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान
चढ़ाते हुए प्रवचन में ‘नम्रता’ पर अपने चिन्तन प्रस्तुत किये।
संत पापा ने कहा
कि शांति के लिये ज़रूरी है - नम्रता। नम्रता सेतु का कार्य करते है और यही है ख्रीस्तीय
जीवन - जो आसान नहीं हैं। येसु ने अपने को नम्र बनाया और जीवन के अन्त तक विनीत बने रहे
और हमें भी यही रास्ता दिखलाया है।
संत पापा ने कहा कि हमें चाहिये कि हम वार्ता
के सेतु का निर्माण करें और घृणा की दीवार कदापि खड़ा न करें।
एक ईसाई के रूप
में दूसरों की सुनना, मेलमिलाप के लिये कदम बढ़ाना और नम्रतापूर्ण जीवन जीना हमारा दायित्व
है क्योंकि येसु ने ऐसा ही किया।
संत पापा ने कहा कि जब हम वार्ता करते हैं तो
यही सोचें कि दूसरे व्यक्ति के पास मुझसे अधिक अच्छी बातें हैं यही शांति का रास्ता है।
संत
पापा ने कहा कि फ्राँसिस डे सेल्स के दिन हम उनकी मध्यस्थता से प्रार्थना करें कि हम
दूसरे के लिये सेतु बनें, दीवार कदापि नहीं।