2014-01-22 10:40:51

मानव की मर्यादा और सार्वजनिक हित के लिये समावेशी दृष्टिकोण अपनायें


वाटिकन सिटी, बुधवार 22 जनवरी 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्रांसिस ने स्वीटजरलैंड के दाभोस में मंगलवार 21 जनवरी से आरंभ हुए वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के सदस्यों को अपना संदेश भेजा है। वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की चार दिवसीय सभा की विषयवस्तु है, विश्व का पुनर्निर्माणः समाज में प्रभाव,! राजनीति और व्यापार ("द रीशेपिंग ऑफ़ द वर्ल्डः कोन्सेक्वेनेसेस फ़ॉर सोसायटी, पोलिटिक्स एंड बिजीनेस।")

विश्व आर्थिक मंच को दिये अपने संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि यह उचित है कि हम उन बातों की सराहना करें जिसके तहत आधुनिक कारोबार या व्यापार मानव कल्याण, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सम्प्रेषण के विकास के लिये मददगार सिद्ध हुआ है। फिर भी हम इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हैं कि ऐसे विकास से कई लोग सामाजिक बहिष्कार के शिकार हो गये है और समाज में हर पल असुरक्षित महसूस करते हैं।

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि राजनीतिज्ञों और अर्थशास्त्रियों का दायित्व है कि वे प्रत्येक मानव की मर्यादा और सार्वजनिक हित को ध्यान देते हुए समावेशी दृष्टिकोण अपनायें। इसके लिये यह ज़रूरी है कि प्रत्येक राजनीतिक और आर्थिक निर्णय में इस बात को ध्यान दिया जाये। पर कई बार नहीं हो पाता है।

संत पापा ने कहा कि इन क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की एक विशेष ज़िम्मेदारी है - ऐसे लोगों के प्रति जो कमजोर, शक्तिविहीन और असुरक्षित हैं।

उन्होंने कहा कि यह इस बात को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है कि खाद्य अन्न प्रचुर मात्रा में होने के बावजूद व्यक्ति भूख से मरे। कई बार तो अन्न को नष्ट भी कर दिया जाता है। हमें इस बात को ध्यान देने की ज़रूरत है कि मर्यादा और सम्मानपूर्ण जीवन की तलाश करते आप्रवासी एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर पलायन करते और कई बार दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं।

संत पापा ने कहा कि आज ज़रूरत है कि ज़िम्मेदारी की नवीकृत तथा विस्तृत भावना की और एक खुली उत्कृष्ट दृष्टि की जो आर्थिक और अर्थव्यवस्था संबंधी गतिविधियों को आलोकित करे ताकि और अधिक नैतिक और मानवीय कदम उठाया जा सके।











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