वाटिकन सिटीः भलाई का चयन करना सीखें, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, 08 जनवरी सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के
प्रार्थनालय में मंगलवार को ख्रीस्तयाग अर्पण के अवसर पर प्रचवन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस
ने बुराई का बहिष्कार एवं भलाई के चयन का परामर्श दिया। 07 जनवरी से वाटिकन के सन्त
मर्था प्रेरितिक आवास में सन्त पापा द्वारा दैनिक ख्रीस्तयागों का सिलसिला पुनः आरम्भ
हो गया है। सन्त पापा फ्राँसिस सन्त योहन के पहले पत्र में निहित पाठ पर चिन्तन कर
रहे थे जिसमें सन्त योहन सचेत करते हैः "प्रत्येक आत्मा पर विश्वास मत करो। आत्माओं की
परीक्षा कर देखो कि वे ईश्वर के हैं या नहीं; क्योंकि बहुत-से झूठे नबी संसार में आये
हैं।" सन्त पापा ने कहा कि मानव आत्मा इच्छाओं से भरा एक बाज़ार है तथा लोगों के
लिये यह आवश्यक है कि वे बुराई का बहिष्कार कर केवल भलाई को चुनें। उन्होंने कहा,
"यदि हम प्रभु में बने रहना चाहते हैं तो हमें यह परखना होगा कि क्या प्रभु से आता है
और क्या नहीं? हमारे हृदय सदैव इच्छाओं से, मनोकामनाओं से, विचारों से भरे रहते हैं,
मानों वह एक समृद्ध बाज़ार हो किन्तु इस बाज़ार से क्या लेना और क्या नहीं लेने का विवेक
हममें होना चाहिये।" सन्त पापा ने कहा कि इसका सरल सा परीक्षण है येसु के द्वारा व्यतीत
जीवन पर मनन चिन्तन करनाः उन्होंने अपने आप को दीन हीन बना लिया, यहाँ तक कि हमारी मुक्ति
के लिये क्रूस पर अपनी बलि अर्पित कर दी। यह प्रभु ख्रीस्त का मार्ग है, विनम्रतापूर्वक
स्वतः को दीन हीन बना लेना। सन्त पापा ने कहा, "यदि हमारा विचार हमें नम्रता के पथ पर
ले जाता है, अन्यों के आगे झुकने को कहता है तथा अन्यों की सेवा के लिये आमंत्रित करता
है तो अवश्य ही वह मार्ग येसु का मार्ग है। जबकि यदि हमारा पथ हमें आत्म-प्रशंसा, घमण्ड,
आत्मप्रदर्शन एवं दम्भ की ओर ले जाता है तो वह येसु का मार्ग नहीं हो सकता।" उन्होंने
कहा, "क्या ईश्वर का है और क्या शैतान का यह जानने के लिये ख्रीस्तीय धर्मानुयायी को
हर पल सचेत और सजग रहना चाहिये।"