अम्मानः सन्त पापा की मई यात्रा "शांति की पुकार" सिद्ध हो, जैरूसालेम के धर्माध्यक्ष
की आशा
अम्मान, 07 जनवरी सन् 2014 (सीएनएस): जैरूसालेम में लातीनी रीति के प्राधिधर्माध्यक्ष
फोआद त्वाल ने मई माह के लिये निर्धारित सन्त पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा का स्वागत
कर आशा व्यक्त की है कि पवित्र भूमि में सन्त पापा की यात्रा "शांति की पुकार" सिद्ध
होगी, विशेष रूप से, फिलीस्तीनी, इसराएली, सिरियाई तथा युद्ध से पीड़ित अन्य लोगों के
लिये। रविवार पाँच जनवरी को सन्त पापा फ्राँसिस ने घोषणा की थी कि 24 से 26 मई तक
वे पवित्र भूमि की तीर्थयात्रा करेंगे। सन्त पापा पौल षष्टम ने सन् 1964 ई. में पवित्रभूमि
की प्रेरितिक यात्रा की थी जो पवित्रभूमि में सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष
की सर्वप्रथम तीर्थयात्रा थी। इसी की 50 वीँ वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में, आगामी मई माह
में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर सन्त पापा पश्चिमी
तट के बेथलेहेम नगर, जैरूसालेम तथा जॉर्डन की राजधानी अम्मान का दौरा करेंगे। पत्रकारों
से बातचीत में प्राधिधर्माध्यक्ष त्वाल ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि अरब के ख्रीस्तीयों
को सन्त पापा के प्रोत्साहन की नितान्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निश्चय ही सन्त
पापा आर्थिक कठिनाइयों एवं हिंसा के कारण ख्रीस्तीयों के पलायन पर चिन्ता व्यक्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि अवश्य ही वे हमसे साहस न खोने तथा पवित्र भूमि में बने रहने का आग्रह
करेंगे, "इस भूमि पर जीवन यापन करने तथा इसी पर मर जाने का आग्रहः जीने और मर मिटने के
लिये पवित्रभूमि योग्य जगह है।" ग़ौरतलब है कि हिंसा एवं आतंकवाद के कारण मिस्र, ईराक,
सिरिया, लेबनान तथा फिलीस्तीनी भूक्षेत्रों से हज़ारों ख्रीस्तीय धर्मानुयायी पलायन कर
अन्यत्र चले गये हैं। प्राधिधर्माध्यक्ष त्वाल ने कहा, "जैरूसालेम एवं सम्पूर्ण पवित्र
भूमि में शांति स्थापित करने के लिये हमें सन्त पापा के प्रोत्साहन एवं उनके प्रेरणादायक
शब्दों की ज़रूरत है।"