2014-01-06 12:36:30

वाटिकन सिटीः देवदूत प्रार्थना से पूर्व एपीफनी महापर्व पर सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश


वाटिकन सिटी, 06 जनवरी सन् 2014 (सेदोक): एपीफानी अर्थात प्रभु प्रकाश महापर्व के दिन सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना से पूर्व सन्त पापा फ्राँसिस ने उन्हें इस प्रकार सम्बोधित कियाः

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,
आज हम एपीफनी यानि प्रभु प्रकाश महापर्व मना रहे हैं। यह महापर्व बाईबिल में निहित सुसमाचारी वृत्तान्त से सम्बन्धित है जिसमें पूर्व से आनेवाले तीन विद्धानों की बेथलेहेम यात्रा का विवरण मिलता है जो यहूदियों के राजा को दण्डवत करने पहुँचे थे। यह एक ऐसी घटना है जिसका विवरण सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने येसु के बाल्यकाल पर लिखी अपनी पुस्तक वैभवपूर्ण ढंग से किया है। वास्तव में मानवजाति के समक्ष प्रकट प्रभु की वह पहली प्रकाशना थी। अस्तु, प्रभु प्रकाश महापर्व येसु द्वारा लाई गई मुक्ति को प्रकाशमान करता है। इस दिन के लिये निर्धारित धर्मविधिक पाठ उदघोषित करते हैं: "सम्पूर्ण पृथ्वी के सब लोग तेरी आराधना करेंगे।"

सन्त पापा ने कहा, "वस्तुतः, यह महापर्व हमारा साक्षात्कार दो गतिविधियों से कराता है, एक ओर विश्व के प्रति, मानवजाति के प्रति अभिमुख ईश्वर की गतिविधि मानवजाति के उद्धार हेतु उनकी मुक्ति योजना तथा दूसरी ओर ईश्वर के प्रति अभिमुख मनुष्यों की गतिविधि जो सत्य, शांति, न्याय एवं स्वतंत्रता की खोज में विभिन्न धर्मों के माध्यम से आगे बढ़ते रहते हैं। ईश्वर मानवजाति के प्रति अपने प्रेम के कारण हमारे प्रति आकर्षित होते हैं तथा हम ईश्वर के सत्य, जीवन तथा सौन्दर्य के प्रति आकर्षित होते हैं। प्रभु येसु इस परस्पर आकर्षण का केन्द्र हैं। हालांकि, येसु ईश्वर एवं मानव एक साथ हैं, यह पहल ईश्वर की है। हमारे प्रेम से पहले ईश प्रेम प्रकट हुआ। येसु ईश्वर हैं जिन्होंने देहधारण किया, हमारे लिये जन्म लिया। तीन विद्धानों को दिखा नवीन तारा येसु जन्म का संकेत था। यदि उन्होंने तारा नहीं देखा होता तो वे यात्रा पर नहीं निकलते। प्रकाश हमारे आगे आगे चलता है, सत्य हमारे आगे रहता है, सौन्दर्य हमसे पहले दृश्यमान होता है। ईश्वर हमसे पहले विद्यमान हैं, यह एक कृपा है और यह कृपा येसु में प्रकट हुई है। येसु ही प्रभु प्रकाश हैं, ईश प्रेम की प्रकाशना हैं।"

सन्त पापा ने कहा, "कलीसिया विश्व के प्रति ईश्वर की इस गतिविधि में शामिल हैः सुसमाचार में निहित, ख्रीस्त की ज्योति को प्रज्वलित करने में ही उसका आनन्द है। कलीसिया वही प्रजा है जिसने इस आकर्षण का अनुभव किया है तथा जो इसे अपने अन्तरतम में संजोए हुए हैं। इस स्थल पर मुझे यह कहना प्रिय प्रतीत होता है कि जो लोग अपने आप को ईश्वर एवं कलीसिया से दूर समझते हैं, जो भयभीत हैं, जो उपेक्षभाव से भरे हैं: प्रभु तुम्हें भी उनकी ईश प्रजा का सदस्य होने के लिये आमंत्रित करते हैं और ऐसा वे तुम्हारे प्रति पूर्ण आदर एवं प्रेम की भावना में करते हैं।"

उन्होंने कहा, "सम्पूर्ण कलीसिया के लिये हम प्रार्थना करें ताकि वह सुसमाचार उदघोषणा के आनन्द का अनुभव प्राप्त करे क्योंकि वह "प्रभु ख्रीस्त द्वारा सब लोगों में ईश्वर की दया एवं प्रेम का संचार करने तथा उसे प्रकट करने के लिये प्रेषित की गई है (आद जेन्तेस, ओ.)। पवित्र कुँवारी मरियम हमारी मदद करें ताकि हम सब अनुयायी एवं मिशनरी, प्रभु के प्रकाश को प्रज्वलित करनेवाले छोटे-छोटे चिराग बनें।"

इतना कहकर सन्त पापा ने देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सबके प्रति मंगलकामनाएँ अर्पित कर सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।













All the contents on this site are copyrighted ©.