जूबा, दक्षिण सूडान, सोमवार 6 जनवरी, 2014 (सीएनए) दक्षिण सूडान के ख्रीस्तीय नेताओं
ने लोगों से अपील की ह कि वे शांति और मेल-मिलाप का रास्ता अपनायें और हिंसा और विभाजन
के रास्ता का त्याग करें। ‘साउथ सूडान कौंसिल ऑफ चर्चेस’ के नेताओं ने कहा है कि
समस्या को दो समुदायों के बीच का मुद्दा नहीं बनने देना चाहिये और इसलिये वे एक-दूसरे
को दुश्मन के रूप में न देखें। नेताओं ने कहा कि वे इन ख़बरों से परेशान हैं कि जातीयता
के आधार शोषण, उत्पीड़न और हिंसा हो रहे हैं जिसे तुरन्त रोका जाना चाहिये।
विदित
हो कि दिसंबर में दक्षिण सूडान में चुनाव सम्पन्न हुए थे जिसमें राष्ट्रपति साल्वा किर
और उप राष्ट्रपति रीक मचार के बीच मुकाबला था दोनों पक्षों की लड़ाई 15 दिसंबर को
शुरू हुई थी जब राष्ट्रपति सल्वा कीर ने रिएक मशार पर तख्तापलट की कोशिश करने का आरोप
लगाया था, मशार आरोपों से इनकार करते हैं। तब से अब तक संघर्ष में कम से कम 1,000
लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 20,000 लोग विस्थापित हुए हैं. सल्वा कीर डिंका समुदाय
के हैं और रिएक मशार नुएर समुदाय के. दुनिया भर के राजनेताओं ने दक्षिण सूडान के नेताओं
से शांति कायम करने की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र की महासचिव बान की मून ने राजनीतिक
दल के नेताओं को वहाँ हो रही हिंसा और अत्याचार के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। देश
में तेल उत्पादन घटने से विश्व के तेल बाज़ार पर भी असर पड़ने की आशंका है. कई विदेशी
नागरिकों ने देश छोड़ दिया है। अफ्रीकी मध्यस्थता करने वालों ने कीर के साथ बातचीत
करने के लिए सहमति जताई है। पर माचर ने तब तक शांति वार्ताओं में शामिल होने से इनकार
किया है जब तक गिरफ्तार किए दस राजनेताओं को रिहा नहीं किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र
ने देश में साढ़े सात हजार सैनिकों को तैनात किया है और ज़्यादा सैनिकों की तैनाती का
अनुरोध किया गया है.