वाटिकन सिटी, शनिवार, 4 जनवरी 2014 (वीआर सेदोक): काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरू संत
पाप फ्राँसिस ने धर्म समाजियों से दुनिया को जागाने की अपील की है। संत पापा की यह
अपील रोम स्थित जेस्विट साप्ताहित पत्रिका ‘ला चिविलता कथोलिका’ में प्रकाशित हुई है।
विदित हो कि पत्रिका के संपादक जेस्विट फादर अंतोनियो स्पादारो ने नवम्बर माह में,
82 वें आम सभा में भाग ले रहे विभिन्न धर्म समाजों के प्रतिनिधियों के साथ संत पापा फ्राँसिस
के एक व्यक्तिगत मुलाकात पर प्रकाश डाला है। 15 पृष्ठों का यह पत्रिका धर्म समाजी
जीवन पर संत पापा फ्राँसिस के दृष्टिकोण को दर्शाता है। संत पापा ने प्रतिनिधियों
से कहा था "दुनिया को जगायें। अलग ढंग से जीने एवं कार्य करने के साक्षी बनें। इस दुनिया
में अलग तरह का जीवन संभव है।" हम स्वर्ग के दृष्टिकोण का विचार कर रहे हैं, पृथ्वी
पर स्वर्गराज के मूल्यों का। इस जीवन में सब कुछ त्यागकर प्रभु का अनुसरण करने का प्रश्न
है। मैं यहाँ क्रांति की बात नहीं कर रहा हूँ। सुसमाचारी क्राँति केवल धर्मसंघियों के
लिए ही नहीं होती है यह सभी के लिए आवश्यक है किन्तु धर्मससमाजी प्रभु का अनुसरण विशेष
रूप से एक नबी की तरह करते हैं। जो एक साक्षी का जीवन है जिसकी मैं आप सभी से अपेक्षा
करता हूँ। धर्मसमाजी एक ऐसी महिला या पुरुष है जो दुनिया को जागरूक करने में सक्षम है।"
पत्रिका में इस बात को भी दर्शाया गया है कि संत पापा ने सन् 1978 ई. में प्रकाशित
‘म्यूचवल रीलेशन’ के निर्देश को आउट डेटेड अथवा पुराना बतलाया है तथा धर्माध्यक्षों एवं
धर्मसमाजियों के बीच संबंध का पुनः अवलोकन करने का आह्वान किया है।